शुक्रवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस ए.के सीकरी और जस्टिस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने का कोई आधार नहीं, ऐसे में हम याचिका खारिज करते हैं। जिसके बाद मोहन राठी सरकारी गवाह बने रहेंगे। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी यादव सिंह की इस याचिका खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट में यादव सिंह ने याचिका दायर कर अपने सीए मोहन राठी को सीबीआई कोर्ट द्वारा अभियोजन पक्ष का गवाह घोषित करने के आदेश की वैधता को चुनौती दी थी।
गौरतलब है कि भ्रष्टाचारों और आय से ज्यादा संपत्ति के मामले यादव सिंह की सीबीआई जांच कर रही है। इस मामले में यादव सिंह की पत्नी व बेटा समेत पूरा परिवार और कुछ रिश्तेदारों को भी आरोपी बनाया गया है। यादव सिंह काफी समय से गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं और उनके बेटे व पत्नी को भी सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी है।