जयंत चौधरी को महापंचायत के मंच पर चढ़ने से रोका तो जमीन पर बैठ गए ‘छोटे चौधरी’
खाप चौधरियों के इस आहवान के बाद गाजीपुर बॉर्डर की ओर किसान एक बार फिर से कूच करने लगे हैं। किसानों की बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए गाजीपुर बॉर्डर के आसपास फोर्स बढ़ा दिया गया है और आनंद विहार टर्मिनल को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। यानी एक बार फिर से किसान पूरी मजबूती के साथ गाजीपुर बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं तो सरकार ने भी किसानों को रोकने के लिए रणनीति बना ली है।महिला सिपाही को गोली मारकर पुलिसकर्मी ने खुद को भी गोली मारी, दोनों की हालत नाजुक
दरअसल लाल किले की घटना के बाद किसानों का आंदोलन दम तोड़ने लगा था लेकिन इसके बाद गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के आंसुओं ने एक बार फिर से आंदोलन को ताकत दे दी। मुजफ्फरनगर में हुई किसानों की महापंचायत में उमड़ी भीड़ ने साफ कर दिया कि किसान अब राकेश टिकैत के साथ हैं और इसके बाद रविवार को बड़ौत में हुई ऐतिहासिक पंचायत में देशखाप, चौबीसी, थाम्बा, चौगामा और चौहान खाप के चौधरियों ने भी राकेश टिकैत को खुला समर्थन देते हुए कह दिया कि राकेश टिकैत के आंसू बर्बाद नहीं होने देंगे।अब आसान हाेगा ड्राइविंग लाईसेंस बनवाना, शुरू हाेने जा रही नई व्यवस्था
पंचायत के मंच से देश खाप के मुखिया सुरेंद्र सिंह ने गाजीपुर, टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन को किसानों के स्वाभिमान की लड़ाई की संज्ञा दे दी। पंचायत में आए किसानों में जोश भरते हुए उन्होंने कहा कि किसानों की पगड़ी अब दिल्ली और गाजीपुर बॉर्डर पर है। इसी तरह से थाम्बा खाप चौधरी बृजपाल सिंह, चौबीसी खाप के चौधरी सुभाष सिंह, चौगामा खाप के चौधरी ऋषि पाल सिंह और चौहान खाप के चौधरी नरेंद्र राणा ने भी खुले शब्दों में ऐलान कर दिया कि अब गाजीपुर बॉर्डर की ओर कूच करना है। इस महापंचायत के बाद से ही किसान गाजीपुर बॉर्डर की ओर कूच करने लगे हैं। गाजीपुर बॉर्डर की ओर बढ़ रहे इन्हीं किसानों की संख्या को देखते हुए यहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। अन्य रास्तों को भी ब्लॉक किया जा रहा है।बड़ौत में हुई महापंचायत ने इतिहास को दोहराया है। करीब 32 वर्ष पहले 1988 में देशखाप के मुखिया चौधरी सुखबीर सिंह ने बालियान खाप के समर्थन में बड़ौत में ही पंचायत की थी। उस वक्त बालियान खाप के मुखिया और किसानों के नेता महेंद्र सिंह टिकैत मेरठ कमिश्नरी को लेकर आंदोलन कर रहे थे। रविवार को 32 साल पुरानी यादें ताजा हो गई और गिले-शिकवे भुलाकर देशखाप और बनियान एक साथ एक मंच पर आ गए।
बिजनौर में भी उमड़ी भीड़
मुजफ्फरनगर और बड़ौत में महापंचायत को मिली बड़ी सफलता के बाद बिजनौर में भी किसानों का हुजूम उमड़ पड़। सोमवार को यहां भी महापंचायत हुई जिस के मंच से किसानों ने मंच से साफ कह दिया कि अब यह लड़ाई रुकने वाली नहीं है। किसान तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक तीनों कानूनों को वापस नहीं ले लिया जाता। खाप चौधरियों के अलावा भाजपा के विरोधी दल भी अब किसानों के साथ खड़े हो गए हैं। मुजफ्फरनगर, बागपत और अब बिजनौर में हुई महापंचायतों में किसानों को कांग्रेस सपा आप पार्टी समेत अन्य दलों का खुला समर्थन मिल रहा है।