पर बहनों के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेन और बसें, जानिए क्या है टाइमिंग वहीं इस बार भद्रा काल (Bhadra kaal) सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा। जिसका प्रभाव रक्षा बंधन पर नहीं पड़ेगा। आज हम पंडित विनोद शास्त्री के माध्यम से बताने जा रहे हैं कि राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और रक्षा बंधन की पूजा विधि (puja vidhi) क्या है।
पंडित जी के अनुसार अमृत मुहूर्त (Amrit muhurat) में राखी बांधना सर्वोत्तम और विशेष फल देने वाला होता है। इस वर्ष सुबह 10:53 से दोपहर 12:28 बजे तक और रात में 8:13 बजे से लेकर 9:38 बजे तक अमृत मुहूर्त है। इस मुहूर्त में भाई को राखी बांधने अमृत जैसा फल प्राप्त होता है। अगर आप इस मुहूर्त में राखी नहीं बांध पाएं तो शुभ मुहूर्त और फिर चर मुहूर्त में राखी बंधनी चाहिए। इस बार रक्षा बंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त लगभग 12 घंटे का है। तो बहनें सुबह 7:43 मिनट से रात 11: 03 मिनट तक अपने-अपने भाईयों को राखी बांध सकती हैं।
ये है मुहूर्त की टाइमिंग · सुबह 7:43 बजे से 9:18 बजे तक चर · सुबह 9:18 बजे से लेकर 10:53 बजे तक लाभ · सुबह 10:53 बजे से लेकर 12:28 बजे तक अमृत
· दोपहर 2:03 बजे से लेकर 3:38 बजे तक शुभ · सायं 6:48 बजे से लेकर 8:13 बजे तक शुभ · रात्रि 8:13 बजे से लेकर 9:38 बजे तक अमृत · रात्रि 9:38 बजे से लेकर 11:03 बजे तक चर
ये है रक्षाबंधन की पूजा विधि – सबसे पहले राखी की एक थाली सजाएं। इस थाली में रोली, अक्षत, पीली सरसों के बीज, एक दीपक और राखी रखें। – राखी बांधने के दौरान पहले भाई को तिलक लगाएं और उसके दाहिने हाथ में राखी बांधें।
– भाई को राखी बांधने के बाद आरती उतारें। – फिर अपने भाई को मिठाई खिलाएं। -राखी बांधने के दौरान ‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।’