ईडन गार्डन में भारत और बांग्लादेश के बीच मेंं दूसरा टेस्ट मैच 22 से 26 नवंबर तक खेला जाना हैं। कोलकाता टेस्ट(kolkata test match) में इस्तेमाल होने वाली गेंद यूपी के मेरठ(meerut) में बनी हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई(news agency ani) को एसजी के मार्केटिंग डायरेक्टर पारस आनंद ने दिए इंटरव्यू में बताया कि ‘एक गुलाबी गेंद(pink ball) को तैयार करने में 7-8 दिन का वक्त लगता है। बीसीसीआई ने एक माह पहले ही भारत और बांग्लोदश डे—नाइट टेस्ट (day night test match)के लिए गेंदें मांगी गई थी। उसी समय से ही गेंदें बनाने में जुट गए।
डायरेक्टर पारस आनंद के मुताबिक, हमनें बीसीसीआई(bcci) से कहा कि गेंदें इंटरनेशनल लेवल(international level) की हैं। गेंदों को टेस्ट किया है। संसपैरेल्स ग्रीनलैंड्स (SG) की तरफ से बताया गया है कि पिंक गेंदें(pink ball) बनाने के लिए पिछले 3 साल से रिसर्च(research) किया हैं। पूरे दिन टेस्ट मैच में 90 ओवर तक गेंद चले यह सबसे बड़ी चुनौती थी। साथ ही रंग भी। ताकि रंग न जाए। मैच के लिए एसजी(sg) कंपनी ने बीसीसीआई(bcci) को 120 पिंक गेंदें उपलब्ध कराई जाएगी। कंपनी के अधिकारी के मुताबिक एक गेंद को तैयार करने में करीब साढे छह हजार रुपये का खर्च आता हैं।