शासकीय संपत्ति के रूप में चिह्नित है यह प्रजाति
पुलिस के मुताबिक बरामद कछुए इंडियन फ्लैपशेल टर्टल प्रजाति के हैं, जिनका वैज्ञानिक नाम लिसेमिस पंक्टाटा है। यह प्रजाति वन्य जीव संरक्षण अधिनियम-1972 के अंतर्गत अनुसूची प्रथम में संरक्षित प्रजाति एवं अनुसूची दो में शासकीय संपत्ति के रूप में चिह्नित है। जिसका खरीदना-बेचना, परिवहन करना अथवा शिकार करना पूरी तरह से वर्जित है।
दोनों के पति की हो चुकी है मौत
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि दीपावली के पर्व पर कुछ लोग कछुए को खरीदना शुभ मानते हैं। जिन्हें कछुए बेचकर तस्कर लाभ कमाते हैं। तस्कर कछुए को खाने के लिए भी बेचते हैं। इन्हें जिस तरह का ग्राहक मिलता है, उस तरह के कछुए बेच देते हैं। दोनों मां-बेटी हैं। दोनों के पति का देहांत हो चुका है। वन विभाग के उपनिरीक्षक ने बताया कि यह देशी कछुआ है। बरामद कछुओं का वैटनरी ट्रीटमेंट कराने के बाद गंगनहर में छोड़ा जाएगा।