दरअसल, गरीबों को सस्ता राशन डकारने वाले कोटेदारों में अब सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के दो नेताओं समेत एक नेता के रिश्तेदार का भी नाम इस घोटाले में सामने आया है। जिलाधिकारी के निर्देश के बाद जिला आपूर्ति अधिकारी ने थाना 20 में बीस कोटेदारों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
सूत्रों का कहना है कि एफआईआर में भाजपा मेरठ मंडल और नोएडा महानगर कमेटी के नेताओं का नाम शामिल हैं। आरोप है कि इन नेताओं की पहचान न हो सके इसके लिए उनके सरनेम और पते एफआईआर में नहीं लिखे गए हैं। इस मामले में आपूर्ति विभाग पर भी इन नेताओं को बचाने के आरोप लग रहे हैं। बताया जा रहा है कि सत्ताधारी पार्टी के नेताओं होने के चलते ही एफआईआर में पूरे नाम व पता नहीं लिखवाए गए हैं। इन लोगों के वर्तमान पते में सिर्फ गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश लिखवाया गया है।
इसमें खास बात यह है कि जब भी प्रशासन द्वारा जब राशन की दुकानों का वितरण किया जाता है तो सभी डीलरों की पूरी जानकारी ली जाती है। जिसमें उनके स्थाई व अस्थाई पतों का भी जिक्र किया जाता है। अब ऐसे में एफआईआर में पूरा पता नहीं लिखा जाने के बाद अधिकारियों पर भी संदेह ही सुई उठ रही है। इसके साथ ही य़हां सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर प्रशासन के पास इन कोटेदारों का पता नहीं है तो क्या विभाग ने पूरी जानकारी लिए बिना ही राशन की दुकानें अलॉट कर दी।
भाजपा के जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा का कहना है कि राशन घोटाले में पुलिस और जिला प्रशासन जांच कर रहा है। हमारे संज्ञान में अभी तक किसी भी भाजपा नेता के संलिप्त होने की बात सामने नहीं आर्इ है। प्रशासन की जांच जारी है। अगर इसमें किसी का नाम सामने आता है, तो हार्इकमान के आदेश पर कार्रवार्इ की जाएगी। वहीं थाना 20 प्रभारी का कहना है कि पूर्ति निरिक्षक द्वारा बताए गए सभी लोगों को नमजद कर मामला दर्ज किया गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।