दिल्ली से अब ऐसे जुड़ेगा नोएडा, हरियाणा के लोगों को भी होगा फायदा
नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों में ट्रेन ऑपरेटर्स, ऑपरेशन स्टाफ, मेन्टनेंस स्टाफ, स्टेशन कंट्रोलर, टेक्निशियन आदि कर्मचारी शामिल हैं। ऐसे में मेट्रो के संचालन पर इनकी हड़ताल का असर दिखना निश्चित है। मेट्रो कर्मचारियों की हड़ताल से मेट्रो से प्रतिदिन सफर करने वाले लाखों यात्रियों को भी परेशानी हो सकती है। गौरतलब है कि हजारों लोग प्रतिदिन नोएडा से दिल्ली और दिल्ली से नोएडा अपने ऑफिस जाने के लिए मेट्रो से सफर करते हैं। ऐसे में उन लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
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आपको बता दे कि पिछले साल भी मेट्रो के नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी, लेकिन तब आखिरी वक्त में डीएमआरसी प्रबंधन और स्टाफ काउंसिल के बीच समझौता हो गया जिस कारण हड़ताल टल गई, लेकिन अब मेट्रो कर्मचारी प्रबंधन पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि पिछले साल डीएमआरसी प्रबंधन ने जो वादे किए थे उन्हें पूरा नहीं किया गया है। कर्मचारियों ने वेतनमान में सुधार, काम की सीमा, कार्यस्थल पर कर्मचारियों की सुरक्षा, सीआईएसएफ कर्मियों का मेट्रो परिसर में कार्य करने के लिए गाइडलाइंस के अलावा कर्मचारियों को निकालने के लिए स्पष्ट नियमों की मांग की है।
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डीएमआरसी कर्मियों का कहना है कि वे पिछले 10 सालों से एक ही वेतन पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले अच्छा काम करने पर हर पांच साल में प्रमोशन दिया जाता था। दिल्ली मेट्रो के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 19 जून से ही हाथ पर काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध कर रहे हैं। प्रबधन के उदासीन रवैये को देखते हुए कर्मचारियों ने 25 जून से कार्यस्थल पर मिलने वाली सभी सुविधाओं को छोड़ने और अपनी ड्यूटी के दौरान भूखा रहने का निर्णय लिया। इस दौरान कर्मचारी अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं।