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यूपी के इस गिरोह का शिकार बने अमेरिकी लोग, ठगी का तरीका जानकर हो जाएंगे हैरान

Cyber Fraud: अमेरिकी लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले युवक-युवती नागालैंड के रहने वाले हैं। ये लोग नोएडा और गाजियाबाद में किराए के मकान में रहते थे। यह सभी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना जानते हैं।

नोएडाJun 30, 2024 / 09:34 am

Aman Pandey

cyber fraud
Cyber Fraud: नोएडा के सेक्टर-90 स्थित भूटानी अल्फाथम में दबिश देकर पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। कॉल सेंटर से 73 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें 33 महिलाएं हैं। पुलिस के अनुसार, गिरोह अमेरिकी नागरिकों से ठगी करता था और अब तक हजारों लोगों से करोड़ों रुपए ऐंठ चुका है।

नोएडा से 73 लोग गिरफ्तार

एडीसीपी सेंट्रल नोएडा हिरदेश कठेरिया ने बताया कि पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर शुक्रवार की रात छापा मारकर फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है। गिरफ्तार लोगों में से 61 युवक-युवतियों को निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया, जबकि 12 मुख्य आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। इनकी पहचान विशाल शर्मा निवासी शामली, अजय कुमार निवासी महोबा, गोविंद निवासी विजयनगर गाजियाबाद, हुविका, जेम्स, क्ले उर्फ यामपीचा , माइक उर्फ नेकटोन , विकाटो , केबिन उर्फ हिका सभी निवासी नागालैंड, जित्तू हजोंग मेघालय और अनुज तिवारी निवासी कुंडा प्रतापगढ़ के रूप में हुई। मुख्य आरोपी सौरभ और बंटी समेत चार फरार हैं।

फर्राटेदार अंग्रेजी में बात करते थे

पुलिस के मुताबिक, फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाले अधिकांश युवक-युवती नागालैंड के रहने वाले हैं। ये लोग नोएडा और गाजियाबाद में किराए के मकान में रहते थे। यह सभी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना जानते हैं।

फर्जी कंपनी के नाम से एग्रीमेंट

पुलिस की छानबीन में पता चला है कि जालसाजों ने करीब चार महीने पहले फर्जी कॉल सेंटर चलाने के लिए बिल्डिंग किराए पर ली थी। इसके लिए फर्जी कंपनी के नाम से एग्रीमेंट किया गया। सात लाख रुपए महीना किराया तय हुआ था। कॉल सेंटर में 70 से अधिक लोग काम करते थे। इनमें अधिकांश नागालैंड के रहने वाले हैं। यहां काम करने वाले आसपास के लोगों से दूरी बनाकर रखते थे ताकि किसी को शक न हो।

ऐसे करते थे ठगी

कॉल सेंटर के जरिए आरोपी फर्जी टेली कॉलिंग का इस्तेमाल कर अमेरिकी नागरिकों को कॉल करते थे। उनका सोशल सिक्योरिटी नंबर मांगा जाता था। उनसे गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से ठगी की जाती थी। आरोपियों ने झांसे में लेने के लिए अमेरिकी मार्शल और अमेरिकी ट्रेजरी की फर्जी ई-मेल आईडी भी बनाई थी। जालसाज अवैध आपराधिक गतिविधियों में नाम आने की बात कह उन्हें गिरफ्तारी का डर दिखाते थे।
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विदेशी गिरोह का भी संदेह

पुलिस को इस घटना में किसी विदेशी गैंग के शामिल होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि विदेश से ही अमेरिकी नागरिकों का डाटा लेकर कॉल सेंटर चलाने वाले ठगों को दिया गया था। इसके जरिए अमेरिकी लोगों को कॉल की जा रही थी। पुलिस विदेशी नागरिकों का डाटा लीक होने और फर्जी कॉल सेंटर से जुड़े बैंक खातों की डिटेल खंगाल रही है। आशंका है कि कुछ और नाम सामने आ सकते हैं और बड़ा खुलासा हो सकता है।

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