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लोक निर्माण विभाग ने इस प्रस्ताव को यूटिपेक (यूनिफाइड टैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर) में रखा था, मगर यूटिपेक ने कहा है कि इसमें जिनकी जमीन आ रही है, पहले उनकी सहमति ले लें। इस परियोजना के बीच में हरियाणा व उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों की जमीन आ रही है।
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इसके बाद हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हुडा), नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी), उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अंर्गत यमुना ओखला हेडवर्क, उत्तर रेलवे, ओखला औद्योगिक क्षेत्र को पत्र लिखे गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि जब योजना बनी थी, तब पता नहीं था कि इसमें कई विभागों की जमीन आएगी। आपको बात दें कि फिलहाल दिल्ली और नोएडा को जोड़ने के लिए डीएनडी एक मुख्य मार्ग है। अभी अधिकतर लोग नोएडा से दिल्ली या दिल्ली से नोएडा आने जाने के लिए डीएनडी के रास्ते ही सफर करते हैं। इस कॉरिडोर के बन जाने से दिल्ली और नोएडा के लोगों को यह एक दूसरा विकल्प मिल जाएगा।
एनटीपीसी (84,854) वर्ग मीटर, हुडा (1,20,223) वर्ग मीटर, उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के अंतर्गत यमुना ओखला हेडवर्क (40,850) वर्ग मीटर, उत्तर रेलवे (84855) वर्ग मीटर, ओखला औद्योगिक क्षेत्र (62602) वर्ग मीटर।