दरअसल, लॉक डाउन के दौरान नोएडा स्थित 108 सेक्टर में वर्षा अग्रवाल को ठगों ने सिम को अपग्रेड करने के बहाने बरगलाया और कहा कि अगर उन्होंने अपने 3जी सिम को 4जी में अपग्रेड नहीं कराया तो उनकी 3जी सिम की सेवा जल्द बंद हो जाएगी। इसके बाद वो सिम को अपग्रेड कराने के लिए राजी हो गईं। पीड़िता बैंक गईं और वहां उनको पता चला कि उनकी एफडी को तोड़कर साढ़े 9 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया है। यह पैसे 22 बार में 8 मई से 11 मई के बीच निकाले गए हैं। ये साइबर अपराधी आम लोगों ही नहीं, पुलिस वालो को भी नहीं बख्शते हैं। ग्रेटर नोएडा जोन 3 के डीसीपी राजेश कुमार के नाम से भी फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर और उनका फोटो लगाकर पैसों की डिमांड की जा चुकी है।
लॉकडाउन के दौरान नोएडा में साइबर क्राइम के 600 से अधिक मामले सामने आए हैं। जबकि उससे पहले दो माह में साइबर क्राइम के 390 मामले सामने आए थे। ऑनलाइन फ्रॉड की वारदातों में 65 प्रतिशत बढ़ौतरी हुई है। पुलिस के रिकार्ड के अनुसार जिले में प्रतिदिन साइबर अपराध के दस से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। जांच की बात करें तो साइबर अपराध के ज्यादातर मामलों में अपराधियों तक पुलिस पहुंच ही नहीं पाती है, क्योंकि ज्यादातर अपराधी दूसरे राज्यों या विदेश में होते हैं। रिकॉर्ड के मुताबिक थानों में आई ऐसी ज्यादातर शिकायतों का निपटारा नहीं हो पा रहा है।