‘बंधा’ लगाकर रोकेंगे सतलुज में घुल रहें बुड्ढ़ा नाले के जहरीले पानी को
-9 नवंबर को श्रीगंगानगर जिला बंद करने का आह्वान:अकेली आईजीएनपी पर 7500 गांवों के 1.75 करोड़ लोग इस पानी को पेयजल के रूप मे इस्तेमाल कर रहे हैं
–कृषि उपज मंडी समिति सभागार में हुई जहरीले पानी और मेडिकल नशे की रोकथाम के लिए श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले के मुख्य लोगों की मीटिंग
- श्रीगंगानगर.पंजाब की सतलुज दरिया से यूरेनियम घुलते जा रहे खतरनाक रसायन युक्त जहरीले पानी को रोकने के लिए तीन दिसंबर को पंजाब और राजस्थान का आम व्यक्ति बंधा लगाया जाएगा। इसको लेकर गुरुवार को नई धानमंडी स्थित कृषि उपज मंडी कार्यालय परिसर में एडवोकेट सुभाष सहगल व प्रमुख व्यापारी कृष्ण मील की अध्यक्षता में आम सभा हुई। इसमें संयुक्त व्यापार मंडल से संबद्ध यूनियनों के पदाधिकारी, ट्रेड यूनियन, किसान संगठनों के प्रमुख नेता,राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने उक्त निर्णय कर आह्वान किया। साथ ही मेडिकल नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने की आवाज को बुलंद किया। पंजाबी फिल्म निर्देशक अमितोज मान व सोशल वर्कर लखा सिधाना ने 3 दिसम्बर को बड़ी संख्या में राजस्थान के लोगों का जहर से मुक्ति के लिए पंजाब पहुंचने की अपील की। वहीं जिले में मेडिकल नशे व जहरीले पानी के सवाल पर 9 नवम्बर को श्रीगंगानगर जिला बंद करने की घोषणा की जिसमें सभी संगठनों में हाथ खड़े कर इसका समर्थन किया।
…तिल तिल करके मरने से बेहतर है कि हम संघर्ष करें
- अमितोज मान ने कहा कि लुधियाना के नजदीक बुड्ढ़ा दरिया को बुड्ढ़ा नाला में तब्दील करने में पंजाब की गैर कानूनी औद्योगिक क्षेत्रों का है जहां से गंदा व कैमिकल युक्त 9 करोड़ लीटर पानी प्रवाहित होकर सतलुज में डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब में जनता की मांग के बावजूद मान सरकार, पंजाब प्रदूषण बोर्ड और एनजीटी तीनों जुर्माने से अधिक कुछ नहीं कर रहे हालांकि बुड्ढ़ा नाला पर अवैध फैक्ट्रियों को गत अगस्त में बंद करने का निर्णय हुआ था जो कि आज बंद नहीं की गई। अमितोज ने कहा कि भविष्य में हम गंभीर बीमारियों से तिल तिल करके मरे इससे बेहतर है हम संघर्ष कर शुद्ध पेयजल प्राप्त करें।
इस मुद्दे पर व्यापक एकता की जरूरत
- लखा सिधाना ने नहरी पानी के मसले पर पंजाब और राजस्थान के किसानों में आपसी बहस को दो भाइयों के बीच आपसी मनमुटाव जैसा बताया। उन्होंने कहा कि गन्दा पानी राजस्थान के लिए भी उतना ही खतरनाक है,जितना पंजाब के लोगों के लिए है इसलिए इस मुद्दे पर व्यापक एकता की जरूरत है। सिधाना ने कहा कि पंजाब और पंजाब सटे हरियाणा और राजस्थान के इलाको में योजनाबद्ध तरीके से मेडिकल नशे का कारोबार हो रहा है 20 वर्ष से कम आयु के नौजवानों को इस दलदल में धकेला जा रहा है
- मनिंद्र सिंह मान ने कहा कि गंदे पानी की लड़ाई को राजस्थान के दूसरे जिलों तक ले जाने का प्रयास किया जायेगा चूंकि अकेली आईजीएनपी पर 7500 गांवों के 1.75 करोड़ लोग इस पानी को पेयजल के रूप मे इस्तेमाल करते है। इसी कारण राजस्थान के दूसरे हिस्सों के मुकाबले इस क्षेत्र में कैंसर अधिक फैल रहा है।
संघर्ष का आह्वान किया
- इस मीटिंग में जहर से मुक्ति आंदोलन के संयोजक मान,रविंद्र तरखान,सुखवीर सिंह फौजी, अमतेन्द्र सिंह क्रांति, अमरसिंह बिश्नोई, जसवीर सिंह 9 डीडी, शंकरलाल मेघवाल, हरजीत सिंह संधु,पार्षद विजेंद्र स्वामी, सुभाष खटीक, फहीम हसन,एडवोकेट मनीराम पूनिया,मास्टर सरदूल सिंह, एड.लखवीर सिंह मान, बलराम नैन, लोकेश मनचंदा, मुकेश चौधरी, देवीलाल धोलीपाल, सुभाष तरड़, सतिंदर सिंह, निहालचंद बिश्नोई, भजन सिंह घारू, राकेश शर्मा, रोमन बराड़, राणा सोढ़ी, महंगा सिंह सिद्धू, जगदीप सिंह आदि विभिन्न संगठनों से जुड़ों ने कहा कि संबोधित करते हुए जहर से मुक्ति के लिए अपने-अपने सुझाव देते हुए संघर्ष का आहन किया।
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