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एक किलोमीटर की दूरी तय करने ग्रामीणों करनी पड़ रही 10 किलोमीटर की परेड, पुल टूटने से हर वर्ष बारिश में होती है समस्या

अनूपपुर. जिला मुख्यालय से लगे हर्री-सामतपुर मार्ग का पुल लगभग 5 वर्ष पूर्व टूट गया था, लेकिन आज तक नए पुल का निर्माण नहीं हो सका है। बारिश के दिनों में यह मार्ग पूरी तरह से बंद हो जाता है। वर्तमान में यह नदी में जल स्तर बढऩे के कारण मार्ग बंद है। पिछले पांच […]

अनूपपुरAug 05, 2024 / 12:00 pm

Sandeep Tiwari

अनूपपुर. जिला मुख्यालय से लगे हर्री-सामतपुर मार्ग का पुल लगभग 5 वर्ष पूर्व टूट गया था, लेकिन आज तक नए पुल का निर्माण नहीं हो सका है। बारिश के दिनों में यह मार्ग पूरी तरह से बंद हो जाता है। वर्तमान में यह नदी में जल स्तर बढऩे के कारण मार्ग बंद है। पिछले पांच वर्षों से लगातार यह समस्या हो रही है, लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। मार्ग बंद होने से लोगों को 10 किलोमीटर घूमकर जिला मुख्यालय आना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि पुल के टूटने की वजह से आवागमन में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। बीते 5 वर्षों से वे पुल निर्माण पूर्ण होने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों की लेट लतीफी के कारण आज तक पुल निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो पाया है। 7 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत से यहां पुल बनाया जाना है। इसके लिए तय समय सीमा खत्म हो चुकी है, लेकिन अब तक पुल का काम पूरा नहीं हो पाया है।
10 किलोमीटर घूम कर आने जाने की मजबूरी

हर्री निवासी सीताराम राठौर ने बताया कि पुल के टूट जाने के कारणअब उन्हें 10 किलोमीटर अतिरिक्त घूम कर जिला मुख्यालय तक जाना पड़ रहा है। पहले पुल होने के कारण यह दूरी मात्र डेढ़ किलोमीटर की थी। इसके कारण स्कूली बच्चे सबसे ज्यादा परेशान हो रहे हैं। अनूपपुर जैतहरी मार्ग में भारी वाहनों के आवागमन से बच्चों के आने जाने में डर बना रहता है साथ ही रोजमर्रा के कार्य से प्रतिदिन आने जाने में लगभग 10 गांव के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
2 वर्ष में मात्र दो पिलर का हो पाया निर्माण

स्थानीय ग्रामीण लक्ष्मी राठौर ने बताया कि 2 वर्ष में आज तक मात्र दो पिलर का निर्माण हो पाया है। ठेकेदार के साथ ही विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण उन्हें प्रतिदिन परेशान होना पड़ रहा है। बारिश के पूर्व ही ठेकेदार ने काम बंद कर दिया था और बारिश का मौसम बीतने के बाद ही यह कार्य पुन: प्रारंभ हो पाएगा। निर्माण कार्य में समय सीमा का ध्यान न रखे जाने से ग्रामीण परेशान हैं।
पैदल ही पहुंच जाते थे अनूपपुर

स्थानीय ग्रामीण लक्ष्मी दास ने बताया कि पहले गांव से अनूपपुर की दूरी डेढ़ किलोमीटर की थी। पैदल भी लोग आसानी से आवागमन कर लेते थे लेकिन आज 10 किलोमीटर का अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ रहा है। अनूपपुर जाने के लिए अब मुख्य मार्ग तक लगभग 5 किलोमीटर चलना पड़ रहा है उसके बाद 5 किलोमीटर उन्हें टैक्सी से जाना पड़ता है जिसमें 40 से 50 रुपए प्रतिदिन खर्च हो जाते हैं।
ना तो अधिकारी और ना ही जनप्रतिनिधि ले रहे सुध

स्थानीय ग्रामीण प्रीतम राठौड़ ने बताया कि पुल का निर्माण कार्य काफी धीमी गति से किया जा रहा है। कभी भी अधिकारी और स्थानीय जन प्रतिनिधि ठेकेदार की मनमानी देखने के लिए नहीं पहुंचते हैं। आसपास के 10 गांव के लोगों को किस तरह से यह परेशानी उठानी पड़ रही है कोई भी यह देखने सुनने वाला नहीं है। भूमि पूजन करने के लिए यहां सभी पहुंचे थे और उसके बाद से आज तक कोई नहीं पहुंचा।

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