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पितरों की विदाई, तर्पण के साथ दीप दान

पितृ पक्ष की अंतिम तिथि को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहा जाता है। बुधवार को अमावस्या पर सूर्य ग्रहण भी होगा, लेकिन ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए हमारे यहां इस ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा।

सागरOct 02, 2024 / 05:23 pm

Rizwan ansari

चकराघाट पर तर्पण करते लोगा। 

चकराघाट पर तर्पण करते लोगा। 

ब्रह्म और सर्वार्थ सिद्धि योग का बन रहा शुभ संयोग

सागर. पितृ पक्ष की अंतिम तिथि को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहा जाता है। बुधवार को अमावस्या पर सूर्य ग्रहण भी होगा, लेकिन ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए हमारे यहां इस ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा। अमावस्या तिथि पर किए गए श्राद्ध कर्म से पितरों को तृप्ति मिलती है और वे प्रसन्न होकर अपने पितृ लोक लौट जाते हैं। जो लोग श्राद्ध कर्म नहीं करते हैं, उनके पितर दु:खी होते हैं और अपने वंश के लोगों को शाप देते हैं। पितरों की प्रसन्नता के लिए सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर श्राद्ध और दान-पुण्य जरूर करना चाहिए। इस वर्ष अमावस्या पर दुर्लभ ब्रह्म योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। इन योग में पितरों की पूजा करने से व्यक्ति विशेष पर पूर्वजों की विशेष कृपा बरसेगी। इसके अलावा इस दिन दिन उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र का शुभ संयोग भी बन रहा है।
दान से मिलता है विशेष फल
पं. रघु शास्त्री ने बताया कि स्नान के बाद नदी किनारे या अपने घर के आसपास ही धन, अनाज, जूते-चप्पल, कपड़े, भोजन का दान करें। किसी गोशाला में गायों के लिए घास और धन का दान करें। इस दिन पितरों के निमित्त चारपाई यानी पलंग, छाता, घी, दूध, काले तिल, चावल, गेहूं आदि चीजों का भी दान करना चाहिए।
दादा दरबार होंगे दीप प्रज्ज्वलन
पितृ मोक्ष अमावस्या पर दादा दरबार मंदिर परिसर में 2501 दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। दरबार के सेवक पं नितिन कोरपाल ने बताया कि लगातार चौथे साल यह आयोजन सामूहिक रूप से किया जा रहा है। यहां आकर कोई भी पितृों के निमित्त दीपदान कर सकता है। दीप प्रज्ज्वलन की सामग्री उपलब्ध रहेगी।
गायत्री शक्तिपीठ गोपालगंज में महायज्ञ
गायत्री शक्तिपीठ गोपालगंज में पितृमोक्ष अमावस्या पर वैदिक विधान के साथ पांच वैश्य बाली महायज्ञ गायत्री यज्ञ के साथ होगा। पं अखिलेश पाठक ने बताया कि निशुल्क सामूहिक तर्पण विधान पितृपक्ष में रोजाना किया जा रहा है। यदि पितृपक्ष में कोई तर्पण नहीं कर पाया है तो वह अमावस्या पर तर्पण और यज्ञ में भाग लेकर इसका संपूर्ण फल प्राप्त कर सकता है। बुधवार को मंदिर परिसर में सुबह 7 बजे कार्यक्रम आरंभ होगा। उन्होंने बताया कि पितृपक्ष में सभी व्यवस्थाएं गायत्री परिवार की ओर से नि:शुल्क की गई।

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