वायुसेना 15 लाख लोगों की व्यूवरशिप और 72 विमानों की उड़ानों के साथ इस एयर शो को लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में ले जाने का लक्ष्य लेकर चली थी, जो हासिल कर लिया गया। 21 सालों में पहली बार चेन्नई ने वायुसेना दिवस समारोह की मेजबानी की। रेकॉर्ड्स को लेकर आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि पिछली बार जब यह कार्यक्रम 2003 में यहां आयोजित किया गया था, तब 13 लाख लोगों ने इसे देखा था। इस बार 15 लाख से ज्यादा लोगों ने देश के वायु सैनिकों के रंगारंग और शानदार प्रदर्शन को देखा, जिसमें उनके 72 से ज़्यादा विमान शामिल थे।
दिल्ली से बाहर आयोजित पूरा समुद्र तट और ईस्ट कोस्ट रोड के कोवलम से लेकर एण्णूर के उत्तरी उपनगर तक ऊंची इमारतों की छतें एयर शो देखने के लिए लोगों से भरी हुई थीं। यह अब तक का सबसे बड़ा एयर शो था। यह ध्यान देने वाली बात है कि यह वार्षिक कार्यक्रम लंबे समय से दिल्ली में आयोजित किया जाता रहा है। अन्य शहरों के लोगों को भी अवसर देने के लिए इस कार्यक्रम को तीन साल पहले दिल्ली से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया था। दिल्ली के बाहर पहला शो शहर चंडीगढ़ में हुआ था। उसके बाद पिछले साल प्रयागराज में हुआ था। हालांकि, शो के पैमाने और उत्सुक दर्शकों की संख्या के मामले में चेन्नई सबसे बड़ा शहर है। कुल 72 विमानों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया, जिससे आसमान विस्मयकारी हरकतों से भर गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन थे, जिनके साथ उनके कैबिनेट सहयोगी भी थे। एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने इस मेगा इवेंट की अध्यक्षता की।
72 जहाजों ने उड़ान भरी
भव्य एयर शो में हिस्सा के लेने के लिए सुलूर, तंजावुर, तांबरम, अरक्कोणम और बेंगलुरु से भारतीय वायुसेना के 72 जहाज उड़ान भरी, जो पूर्वी तट पर मिलेंगे। इस एयर शो में भारत का गौरव कहे जाने वाला स्वदेश में बना लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस के साथ-साथ राफेल, मिग-29 और सुखोई-30 एमकेआई जैसे अत्याधुनिक फाइटरजेट भी फ्लाईपास्ट में हिस्सा बने। सुबह 11 बजे से पहले ही उत्साही लोग मरीना बीच पर जमा हो गए थे। इनमें से कई ने छाते से खुद को चिलचिलाती धूप से बचाने की कोशिश की। एयर शो की शुरुआत भारतीय वायुसेना के विशेष गरुड़ बल के कमांडो द्वारा एक कृत्रिम बचाव अभियान और बंधक को मुक्त कराने में अपने साहसिक कौशल का प्रदर्शन करके हुई।