पत्रिका ने दमोह रेलवे स्टेशन से कोपरा पुल तक की रेलवे लाइन का जायजा लिया। यहां रेलवे के पेटी ठेकेदार द्वारा पटरी बिछाने के साथ-साथ बिजली के पोल और लाइन खीचने तक का काम पूरा किया जा चुका है। इतना ही नहीं जितनी मुरम, मिट्टी का बेस जमीन पर बनाया गया है, उसी आधार पर कोपरा के पुल पर भी पटरियां बिछा दी गई हैं। ऐसे में अब जमीन स्तर पर बिछी पटरियां धंसाव ले रही है, जो करीब १ से २ फुट तक जाने की संभावना है। ऐसे में आगे पुल पर बिछी लाइन बेंड होने या अधिक दबाव में अन्य कोई टेक्निकल समस्या आने का खतरा भी बढ़ सकता है। पत्रिका ने देखा कि रेलवे लाइन बिछाने के लिए बेस बनाने डाली गई मुरम बारिश से कई जगह बड़े-बड़े कटाव और धंसाव ले चुकी है। इसके अलावा बारिश में इस मुरम के अभी और धंसने के आसान है। जो तीसरी लाइन के काम में सबसे बड़ी लापरवाही के तौर पर सामने आएंगे।
जानकार बताते है कि तीसरी लाइन बिछाने के काम में बेजा लापरवाही हुई है। जिसका ही नतीजा है कि ट्रैक का काम लगभग पूरा होने के बाद थोड़ी बारिश में ही जो स्थितियां सामने आई हैं, वह रेलवे के कामों में अक्सर नजर नहीं आती है। पेटी पर पेटी गई ठेकों की वजह से इस तरह की स्थितियां बन रही हैं। बेस को इतने जल्दी भरना और उस पर पटरियां सेट करना भी गंभीर मामला है। कोपरा पुल के पास जो पटरी धंसने और मुडऩे के फॉल्ट अभी देखने मिले हैं, वह आगे भी संभावित है, क्योंकि, पुल के पास की पटरी में ज्यादा चांस सेटिंग के नहीं होते हैं।
बताया जा रहा है कि दमोह से असलाना के बीच सीएसआर का काम अभी नहीं हुआ है। न ही रेलवे ट्रैक की टेस्टिंग हुई है। इससे यह मार्ग अभी निर्माणाधीन बताया जा रहा है। रेलवे के अधिकारी बताते है कि इसी साल में इस रूट का सीएसआर होना है। इसीलिए इस रूट पर काम तेजी से चल रहा है। कोपरा का पुल भी तैयार हो चुका है। लेकिन, इसके पहले सामने आए बड़े फॉल्ट ने पेटी ठेकेदारों के कारनामे सामने ला दिए हैं।
कोपरा पुल के दोनों ओर और बीच-बीच में तीसरी लाइन की जो पटरी एक-एक फीट तक धंस गई थी। साथ ही कुछ जगह पर बेंड हो गई थी, उसे सुधारने व सीधे करने का काम ठेकेदार करा रहा है। इसके अलावा जहां बेस की मिट्टी मुरम का कटाव हुआ है, वहां भी मुरम भरकर गलती छिपाने का काम किया जा रहा है। जिससे इंस्पेक्शन के समय अधिकारियों का नजरंदाज किया जा सके।
वर्शन
हर्षित श्रीवास्तव, सीपीआरओ, पमरे