अकबर को तीन-तीन बार हराने वाला गोंडवाना क्षेत्र प्रदेश का गौरव
उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शासन के दो मंत्रियों की मौजूदगी में मनाया गया विश्व सिकल सेल दिवसडिंडौरी. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को डिंडौरी के शासकीय चन्द्रविजय महाविद्यालय ग्राउण्ड में विश्व सिकल सेल दिवस पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमने ब्राजील, जर्मनी और जापान जैसे देशों को विकास में पीछे […]
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उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शासन के दो मंत्रियों की मौजूदगी में मनाया गया विश्व सिकल सेल दिवस
डिंडौरी. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को डिंडौरी के शासकीय चन्द्रविजय महाविद्यालय ग्राउण्ड में विश्व सिकल सेल दिवस पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमने ब्राजील, जर्मनी और जापान जैसे देशों को विकास में पीछे छोड़ा है। भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती यह भी है कि जनजातीय समुदाय की राष्ट्रपति ने देश के प्रधानमंत्री को पद की शपथ दिलाई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2023 में शहडोल जिले से राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन की शुरूआत की थी। इसका उद्देश्य वर्ष 2047 तक भारत को सिकल सेल की बीमारी से मुक्त करना है। सिकलसेल उन्मूलन के लिए 2047 का हवन शुरू हो गया है इसमें सबकी आहुति आवश्यक है। उन्होंने कहा की यह रोग ज्यादातर आदिवासी लोगों में होता है, जिनमे 95 प्रतिशत यह अनुवांशिक रोग है। इसलिए हमारा उद्देश्य है कि इस रोग को जड़ से खत्म करें और यह तभी सफल होगा जब घर-घर जाकर जांच करें, इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। ऐसे रोगो से लडऩे के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर प्रयास करेंगी तभी इस रोग से लड़ा जा सकता है और 2047 तक इसे जड़ से खत्म कर दिया जाएगा। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार न सिर्फ वित्तीय रूप में बल्कि तकनीकी रूप में समन्वित होकर कार्य कर रही है। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी सुदेश धनकड़ के साथ राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल के साथ अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सिकलसेल बीमारी के संबंध में कहा कि सिकलसेल बीमारी शारीरिक कष्ट से ज्यादा परिवारों को भावनात्मक और सामाजिक तौर पर प्रभावित करता है। केंद्र ने सिकलसेल के लिए दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत में बदलाव किया है। अब देश मे सिकलसेल जैसी आनुवांशिक बीमारियों के उपचार का भी समुचित प्रबंधन किया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह यहां की औषधियों से खासे प्रभावित हुए है। उन्होंने उपराष्ट्रपति निवास में भी डिंडौरी जिले की औषधियों से हर्बल गार्डन विकसित करने की बात कही। साथ ही यहां की कुछ औषधियां अपने साथ भी ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां के राज्यपाल का दिल जनजातियों के लिए ही धडक़ता है। वह कार्य सिर्फ कागजी रूप में नहीं करते है बल्कि वास्तविक जमीन देखकर करते हंै। मुख्यमंत्री ने आदिवासी अंचल को सम्मान देने कें लिए प्रदेश की पहली मंत्री परिषद की बैठक जबलपुर में आयोजित की। उन्होने कहा कि बीमारियों के सम्बंध में दुष्प्रचार ठीक नहीं है। इसकी जागरूकता के लिए आवश्यक काम होने चाहिए।
जन्मपत्री नहीं, जेनेटिक कार्ड मिलाने की चिंता करो
राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने डिंडौरी से प्रदेश के जनप्रतिनिधियों और युवाओं को संदेश दिया कि जो युवा शादी करने योग्य है वह सब जैनेटिक कार्ड मिलाने की परंपरा की शुरुआत करें। उन्होंने आने वाली पीढिय़ों की चिंता करते हुए कहा कि अगर ऐसे युवक और युवती हंै जो सिकलसेल के वाहक है तो आपस में शादी नहीं करें। यह आने वाली पीढ़ी के भविष्य का सवाल है। साथ ही ऐसे युवक व युवतियां जिनमें सिकल सेल एनीमिया डिसीज है तो सिकल सेल बीमारी के साथ ही बच्चा पैदा होने का खतरा है। इसलिए अब जरूरी है कि जन्मपत्री नहीं बल्कि जैनेटिक कार्ड मिलाया जाए। आज से ही यदि सभी आदिवासी नेताओं और युवाओं के सामूहिक प्रयास रहे तो 2047 में एक भी बच्चा सिकलसेल बीमारी के साथ पैदा नहीं होगा। उन्होंने एक-एक आदिवासी से सामाजिक प्रयास शुरू करने पर जोर दिया। प्रदेश की 1 करोड़ 90 लाख जनजातीय जनसंख्या में केवल 55 लाख लोगों की जांच हुई है। इसमें 1 लाख 20 हजार 935 वाहक और 18 हजार से ज्यादा डिसीज वाले लोग हो गए है। राज्यपाल के करीब 8 मिनट 7 सेकंड के संबोधन में कई बार प्रदेश के आदिवासियों की आने वाली पीढ़ी की चिंता दिखाई दी। उन्होंने आदिवासी बेटा-बेटियों, जनप्रतिनिधियों से कहा कि सिकलसेल उन्मूलन की शुरुआत हो गई है। अगर माता-पिता में दोनों वाहक है तो बच्चों में सिकलसेल वाहक होंने का डर है। वहीं अगर दोनों को डिसीज है तो बच्चों में सिकलसेल आएगा ही। उन्होने इसे रोकने के लिए प्रदेश के 89 आदिवासी ब्लॉक जहां पेसा एक्ट लागू है वहां जैनेटिक कार्ड मिलाए जाए जाने का प्रस्ताव पारित करने की बात कही।
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