समाचार

सागर से गुजरा नशा तस्करी का रूट, पूरे उत्तर भारत में यहीं से पहुंच रहा ओडिशा का गांजा

ओडिशा के गांजे को देश भर में सप्लाई करने के लिए तस्कर राष्ट्रीय राजमार्ग का उपयोग कर रहे हैं। इसमें सागर से गुजरे झांसी-लखनादौन नेशनल हाइवे पर भी तस्करों की आवाजाही एक बार फिर से बढ़ गई है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ से होकर ओडिशा पहुंचने वाले इस 1170 किलोमीटर लंबे इस रूट का उपयोग कुछ समय से तस्करी के लिए सबसे सुरक्षित माना जा रहा है।

सागरAug 11, 2024 / 12:08 pm

Madan Tiwari

सागर से गुजरा नशा तस्करी का रूट

ओडिशा से अलग-अलग प्रदेशों में पहुंचाने राष्ट्रीय राजमार्ग तस्करों के लिए सबसे सुरक्षित, पांच माह में तीन बढ़ी कार्रवाइयों में नारकोटिक्स व पुलिस की कार्रवाई में 1.60 करोड़ रुपए का गांजा जब्त

सागर. ओडिशा के गांजे को देश भर में सप्लाई करने के लिए तस्कर राष्ट्रीय राजमार्ग का उपयोग कर रहे हैं। इसमें सागर से गुजरे झांसी-लखनादौन नेशनल हाइवे पर भी तस्करों की आवाजाही एक बार फिर से बढ़ गई है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ से होकर ओडिशा पहुंचने वाले इस 1170 किलोमीटर लंबे इस रूट का उपयोग कुछ समय से तस्करी के लिए सबसे सुरक्षित माना जा रहा है। इसकी पुष्टि बीते पांच माह में गांजा तस्करों के खिलाफ हुईं तीन बढ़ी कार्रवाइयां कर रहीं हैं। जिसमें नारकोटिक्स व पुलिस ने सात तस्करों को पकड़ते हुए 1.60 करोड़ रुपए का गांजा जब्त किया है। सागर के इसी रूट से पूरे उत्तर भारत में ओडिशा के गांजे की तस्करी हो हो रही है।

– यह रूट

पुलिस के अनुसार देश में सबसे ज्यादा गांजे की सप्लाई ओडिशा से होती है। सागर की ओर आने वाली गांजे की खेप तस्कर ओडिशा से जगदलपुर और वहां से कांकेर, भिलाई, गोंदिया या नागपुर से होकर मप्र की सीमा में घुसते हैं और इसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग से या तो सागर होते हुए उत्तरप्रदेश-दिल्ली निकल जाते हैं या फिर जबलपुर हाइवे पकड़कर राजस्थान पहुंचते हैं। पुलिस की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि तस्कर राष्ट्रीय राजमार्ग का उपयोग इसलिए भी करते हैं कि यहां किसी प्रकार की वेरिकेडिंग या जांच का खतरा नहीं होता। हर रोज हजारों वाहनों की आवाजाही होती है, लेकिन स्टेट हाइवे पर रिस्क बढ़ जाती है।

– पुलिस का सूचना तंत्र पड़ा कमजोर

सागर पुलिस का सूचना तंत्र कुछ समय से कमजोर पड़ गया है। सागर में बैठकर मेडिकल स्टोर संचालक मप्र के अन्य जिलों समेत दूसरे प्रदेशों में भी नशीले सिरप की तस्करी करता रहा, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। यही हाल परसोरिया स्थित एक स्कूल की संदिग्ध गतिविधियों में भी देखने को मिला है, जहां पुलिस का सूचना तंत्र पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ। यही हाल बार-बार गांजा तस्करी में भी देखने को मिल रहा है, जहां नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम इंदौर से आकर कार्रवाई कर रही है, लेकिन सागर पुलिस को कोई सूचना ही नहीं मिलती।

– केस-1

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) इंदौर जोनल ने 7 मार्च को ओडिशा से सागर खपाने के लिए लाया गया 1.05 करोड़ रुपए कीमत का 655 किलोग्राम गांजा जब्त किया था। एनसीबी की टीम बंडा थाना क्षेत्र के सौरई गांव के पास पहुंची और एक ट्रक से पोहे की बड़ी-बड़ी बोरियों के बीच रखा गांजा जब्त किया। इसमें दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था।

– केस-2

महाराजपुर व सुरखी पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर 30 जुलाई की रात राष्ट्रीय राजमार्ग पर ओडिशा-छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित जगदलपुर से सागर आ रही गांजे की खेप पकड़ी थी। गांजे से भरी दो कार को पीछा कर पुलिस ने पकड़ा, जिसमें चार आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए 10 लाख रुपए कीमत का 70 किलोग्राम गांजा जब्त किया था।

– केस-3

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) इंदौर जोनल पांच माह में दूसरी बार 9 अगस्त को राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक ट्रक से 51 लाख रुपए कीमत का 170 किलोग्राम गांजा जब्त किया। गांजा महाराष्ट्र के रास्ते होते हुए सागर पहुंचा और इसे मछलियों को चारा लेकर जा रहे ट्रक में छिपाकर रखा गया था, जिसे अयोध्या पहुंचाना था। इसमें एक आरोपी भी गिरफ्तार हुआ है।

संबंधित विषय:

Hindi News / News Bulletin / सागर से गुजरा नशा तस्करी का रूट, पूरे उत्तर भारत में यहीं से पहुंच रहा ओडिशा का गांजा

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.