अंधाधुंध पैदावार लेने व रासायनिक खादों की वजह से भूमि से पोषक तत्व गायब
-भूमि को उपजाऊ बनाने की कवायद, किसानों को मिलेगी जिप्सम खाद
– प्रदेश के बीस हजार किसान को मिलेगा लाभ
पत्रिका एक्सक्लूसिव
- श्रीगंगानगर.अंधाधुंध पैदावार लेने और रासायनिक खादों की वजह से सोना उगलने वाली भूूमि से पोषक तत्व गायब हो चुके हैं। इसको लेकर कृषि विभाग किसान और कृषि विभाग की चिंता बढ़ती जा रही है। विभाग ने इसके लिए रबी की फसलों के उत्पादन के साथ भूमि का उपजाऊपन बढ़ाने की कवायद शुरू की है। इसके लिए कृषि विभाग की ओर से प्रदेश में बंजर होते खेतों को संजीवनी देने वाली जिप्सम खाद मुहैया करवाने का निर्णय किया है। कृषि आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की है।
- क्षारीय भूमि को पोषक तत्व बढ़ाने के साथ उपजाऊ और बेहतर बनाने के लिए सॉयल हेल्थ एंड फर्टिलिटी कपोनेंट के तहत 50 फीसदी अनुदान पर अधिकतम दो हेक्टेयर के भूमि सुधार के लिए किसानों को जरूरत के अनुसार जिप्सम उपलब्ध करवाया जाएगा। जिप्सम का वितरण जिप्सम एप के जरिए किया जाएगा। इसका ओटीपी सीधा संबंधित किसान के मोबाइल पर जाएगा। इससे वितरण में पारदर्शिता बनी रहेगी जबकि आधा हेक्टेयर भूमि के लिए किसान को नि:शुल्क जिप्सम दिया जाएगा।
खेतों का गिरता उपजाऊपन
- कृषि विभाग के अनुसार दो दशक के दौरान प्रदेश में किसान अंधाधुंध पैदावार के लेने के चक्कर में खेतों का उपजाऊपन गिरता है। ज्यादा से ज्यादा उत्पादन लेने के लिए किसान नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम का अधिक उपयोग करते हैं, जिससे खेत बंजर होने के कगार पर आते हैं। ऐसे में जिप्सम खेतों में कम होने वाले इन अवयवों की पूर्ति करता है। जिप्सम भूमि सुधारक उर्वरक है, जिसमें सल्फर 18.6 प्रतिशत, कैल्शियम 23.प्रतिशत, कैल्शियम कार्बोनेट होता है। इसका उपयोग मिट्टी को सुधारने और उपजाऊ बनाने में होता है।
मिट्टी का पीएच स्तर नियंत्रित
- मिट्टी में जिप्सम उर्वरक डालने के बाद सोडियम सल्फेट और कैल्शियम ऑक्साइड का उत्पादन होता है। सोडियम सल्फेट घुलनशील होने के कारण मिट्टी में पानी की निकासी होती है और इससे मिट्टी का पीएच स्तर नियंत्रित रहता है, जिप्सम में सल्फर की उपस्थिति के कारण फसलों पर लगने वाले रोग नियंत्रित होते हैं। तिलहनी फसलों में तेल की मात्रा बढ़ाने में जिप्सम बहुत फायदेमंद है।
एक्सपर्ट व्यू–
- भूमि सुधार और तिलहनी फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए जिप्सम एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। किसानों को पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर निशुल्क जिप्सम खाद का वितरण किया जाएगा। इससे किसानों के फायदे व जमीन की उर्वरता बढ़ाने में मदद मिलेगी। कृषि विभाग के सहायक निदेशकों को लक्ष्य आवंटित कर दिया गया है।
- -डॉ.सतीश कुमार शर्मा, अतिरिक्त निदेशक (कृषि),श्रीगंगानगर खंड।
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