इसुरवारा में जन्मे मुनि सुधासागर महाराज का 42 वां दीक्षा दिवस आज, बचपन से था धर्म में लगाव
भाग्योदय तीर्थ में शुक्रवार को निर्यापक मुनि सुधासागर महाराज का 42वां दीक्षा दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। मुनि सुधा सागर महाराज को आचार्य विद्यासागर महाराज ने झारखंड के जिला गिरिडीह में मुनि दीक्षा 25 सितंबर वर्ष 1983 में इसरी बाजार में दी।
बैलगाड़ी चलाते हुए भाइयों के साथ मुनि सुधासागर
भाग्योदय में धूमधाम से मनाया जाएगा दीक्षा दिवस, देशभर के भक्त होंगे शामिल सागर. भाग्योदय तीर्थ में शुक्रवार को निर्यापक मुनि सुधासागर महाराज का 42वां दीक्षा दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। मुनि सुधा सागर महाराज को आचार्य विद्यासागर महाराज ने झारखंड के जिला गिरिडीह में मुनि दीक्षा 25 सितंबर वर्ष 1983 में इसरी बाजार में दी। इससे पहले आचार्यश्री ने छतरपुर जिले के नैनागिरी में क्षुल्लक दीक्षा 10 जनवरी 1980 में थी। क्षुल्लक दीक्षा के बाद नाम परम सागर दिया गया। मुनि दीक्षा के बाद परमसागर सुधासागर बन गए। ऐलक दीक्षा सागर के मोराजी में 1982 में हुई थी। मुनि सुधासागर महाराज की बचपन से धार्मिक कार्यों में रूचि थी। उनका जन्म जिले के इसुरवारा में 21 अगस्त 1958 में हुआ था। बचपन का नाम जयकुमार था। बीकॉम तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद ब्रह्मचर्य व्रत 1978 में लिया था। तब से लगातार आगे बढ़ते रहे। मुनि दीक्षा ग्रहण करने के बाद देशभर के कई राज्यों में चातुर्मास हुए। दीक्षा दिवस के मौके पर पत्रिका ने मुनि सुधा सागर के कुछ पुराने चित्रों के माध्यम से उनके जीवन को बता रहा है।
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