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कम नहीं हो रही महंगाई, स्थानीय आवक अब भी कम, बाहर से आने पर ट्रांसपोर्ट खर्च से पड़ रही सब्जी महंगी

शहर में सब्जियों के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसका मुख्य कारण ट्रांसपोर्टेशन लागत में बढ़ोतरी और स्थानीय पैदावार में कमी है। खासकर सर्दी के मौसम में हरी सब्जियों की मांग बढऩे से इनके दाम काफी बढ़ गए हैं।

छतरपुरDec 20, 2024 / 10:45 am

Dharmendra Singh

vegitable shopes

सब्जी की दुकानें

छतरपुर. शहर में सब्जियों के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसका मुख्य कारण ट्रांसपोर्टेशन लागत में बढ़ोतरी और स्थानीय पैदावार में कमी है। खासकर सर्दी के मौसम में हरी सब्जियों की मांग बढऩे से इनके दाम काफी बढ़ गए हैं। हालांकि टमाटर के दाम में सात महीने के बाद गिरावट देखी गई है, और गुरुवार को सौरा रोड के हाट बाजार में यह 20 रुपए प्रति किलो के भाव से बिकने लगा। पहले यह 40 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा था, जिससे ग्राहकों में खुशी की लहर है। हालांकि, बाकी सब्जियों के दामों में कोई कमी नहीं आई है।

ट्रांसपोर्टेशन की वजह से महंगी सब्जियां


दुकानदारों का कहना है कि अधिकांश सब्जियां सागर और अन्य जिलों से मंगाई जा रही हैं, जिसके कारण ट्रांसपोर्टेशन शुल्क ग्राहकों से लिया जा रहा है। लोकल पैदावार कम होने और मांग में वृद्धि के कारण बाहर से सब्जियों की आपूर्ति हो रही है, जिससे दामों में स्थिरता नहीं आ पा रही है। खासकर सर्दी के मौसम में हरी सब्जियों की खपत में वृद्धि हुई है, जिसके कारण दाम भी बढ़ गए हैं।

गृहणियों का बिगड़ा हुआ है बजट


महंगी सब्जियों के कारण गृहणियों के लिए रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। अब उन्हें सब्जियों की खपत में कटौती करनी पड़ रही है। स्थानीय दुकानदार कमल ने बताया कि फिलहाल दामों में गिरावट आने की संभावना नहीं है, क्योंकि अधिकांश सब्जियां बेमौसमी हैं और इनकी आवक बाहर से हो रही है।

पारिश्रमिक से जुड़े विक्रेताओं की राय


सब्जी विक्रेता रिजवान कुरैशी ने बताया कि हरी सब्जियां सागर और दमोह से आ रही हैं, और सर्दी में इनकी मांग चार गुना बढ़ जाती है। इस कारण इनकी कीमतों में कोई कमी नहीं हो रही है। जिले में सब्जियों का रकबा कम होने के कारण स्थानीय स्तर पर इनकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है। रमेश कुशवाहा ने कहा कि जिले में हरी सब्जियों की पैदावार बहुत कम है, जिससे बाहरी जिलों से मंगवानी पड़ती है। वहीं, उद्यानिकी अधिकारी जेएस मुझल्दा ने बताया कि जिले में मसाला और सब्जी की पैदावार 34 हजार हेक्टेयर में होती है, लेकिन इसके बावजूद स्थानीय स्तर पर पूर्ति कम रहती है।

सब्जियों के दाम प्रति किलो


प्याज- 40 रुपए
टमाटर- 20 रुपए
आलू- 30 रुपए
मटर- 80 रुपए
बैगन- 30 रुपए
फूल गोभी- 40 रुपए
गाजर- 50 रुपए
मैथी- 80 रुपए
पालक- 40 रुपए
लहसुन- 500 रुपए
अदरक- 80 रुपए
शिमला मिर्च- 80 रुपए
लौकी- 40 रुपए
परवल- 80 रुपए
भिंडी-80 रुपए

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