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स्मृति शेष : बेबाक बयानी के लिए रहेंगे याद ईवीकेएस इलंगोवन

चेन्नई. तमिलनाडु कांग्रेस में ऐसे चुनिन्दा नेता ही हैं जो अपने उसूलों पर कायम रहे और द्रविड़ दलों को अपनी बयानी से चौंकाया। फिर चाहे वह पूर्व मुख्यमंत्री और द्रमुक अध्यक्ष एम. करुणानिधि हो अथवा ‘आइरन लेडी’ कही जाने वाली जे. जयललिता। सार्वजनिक जीवन में उनकी सियासी बयानबाजियों से दिल्ली हाईकमान भी हिला और अंत में […]

चेन्नईDec 17, 2024 / 04:08 pm

P S VIJAY RAGHAVAN

EVKS
चेन्नई. तमिलनाडु कांग्रेस में ऐसे चुनिन्दा नेता ही हैं जो अपने उसूलों पर कायम रहे और द्रविड़ दलों को अपनी बयानी से चौंकाया। फिर चाहे वह पूर्व मुख्यमंत्री और द्रमुक अध्यक्ष एम. करुणानिधि हो अथवा ‘आइरन लेडी’ कही जाने वाली जे. जयललिता। सार्वजनिक जीवन में उनकी सियासी बयानबाजियों से दिल्ली हाईकमान भी हिला और अंत में तालमेल की राजनीति से सबकुछ ठीक कर दिया गया। उनका राजनीतिक जीवन कॉलेज कैंपस से शुरू हो गया था जो संसद तक पहुंचा। वे अपने जीवन के अंतिम दिनों में भी विधायक रहे।
ईरोड ईस्ट के कांग्रेस विधायक ईवीकेएस इलंगोवन (75) ने शनिवार को अंतिम सांस ली। इसके साथ प्रदेश कांग्रेस के एक बड़े वक्ता और राजनेता का पटाक्षेप हो गया। सहयोगी दलों के साथ गठबंधन में रहते हुए भी उन्होंने अपनी बेबाकी और खुलकर बोलने की आजादी से कभी समझौता नहीं किया। उनके बयानों से उपजे विवादों में करुणानिधि, जयललिता, अभिनेत्री खुशबू सुंदर और पूर्व कांग्रेस विधायक विजयधरणी जैसे नेताओं के नाम शुमार हैं। बता दें कि खुशबू और विजयधरणी अब भाजपा में हैं।
छात्र राजनीति से संसद तक का सफर

तमिलनाडु कांग्रेस में विभिन्न पदों पर तैनात होने से पहले वे पहली बार 1967 में उन्हें प्रेसीडेंसी कॉलेज छात्र कांग्रेस के सचिव चुने गए। वे ट्रेड यूनियन गतिविधियों में भी सक्रिय रहे। युवावस्था में वे मोटर रेसिंग के बहुत बड़े प्रेमी थे। उन्होंने 1972 और 1973 में चोलावरम में मोटर कार रेस में भाग लिया। उनका जन्म 21 दिसंबर 1948 को एक ऐसे परिवार में हुआ था, जो दक्षिण भारत में राजनीतिक और सामाजिक विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए जाना जाता था। वे पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरै के करीबी सहयोगी ईवीके संपत के बेटे थे। उन्होंने चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया। कॉलेज से शुरू हुए राजनीतिक सफर के बाद वे ईरोड जिला युवा कांग्रेस से संसद तक पहुंचे। वे तमिलनाडु कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष रहे। 1985 में सत्यमंगलम विधानसभा क्षेत्र से पहली बार तमिलनाडु विधानसभा के लिए चुने गए। गोबीचेट्टीपालयम से लोकसभा सांसद बनने के बाद 2004 से 2009 तक केंद्रीय मंत्री रहे। उन्होंने 2023 में ईरोड ईस्ट से विस उपचुनाव लड़ा था और जीते थे। यह उपचुनाव उनके विधायक पुत्र ई थिरुमगन एवरा के निधन की वजह से हुआ था।
गांधी परिवार के करीबी

अपने राजनीतिक कॅरियर में ईवीकेएस हमेशा गांधी परिवार के करीबी और विश्वासपात्र रहे। तमिलनाडु कांग्रेस में हमेशा वर्गवाद रहा है। एक समय में चार अलग-अलग गुटों के बीच भी वे कार्यकारी अध्यक्ष और अध्यक्ष रहे तथा आलाकमान से अपनी बात मनवाने में कामयाब रहे। तमिलनाडु में उनकी अध्यक्षता के वक्त ही 2004 में कांग्रेस और डीएमके के बीच लगभग दो दशक बाद राजनीतिक गठबंधन हुआ जो आज भी कायम है।
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