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33 दिनों तक अनूपपुर जिले में उत्पात मचाने के बाद वापस छत्तीसगढ़ लौटे हाथी

अनूपपुर. निरंतर 33 दिन तक जिले के वन क्षेत्र में निरंतर विचरण करने बाद गुरुवार की रात मध्यप्रदेश की सीमा के अंतिम छोर ग्राम पंचायत चोलना में स्थित गुजर नाला को पार कर एक बार फिर से छत्तीसगढ़ राज्य चले गए हैं। जीपीएम जिले अंतर्गत मरवाही तहसील एवं वन परिक्षेत्र की सीमा में लगभग 12 […]

अनूपपुरJul 20, 2024 / 11:57 am

Sandeep Tiwari

अनूपपुर. निरंतर 33 दिन तक जिले के वन क्षेत्र में निरंतर विचरण करने बाद गुरुवार की रात मध्यप्रदेश की सीमा के अंतिम छोर ग्राम पंचायत चोलना में स्थित गुजर नाला को पार कर एक बार फिर से छत्तीसगढ़ राज्य चले गए हैं। जीपीएम जिले अंतर्गत मरवाही तहसील एवं वन परिक्षेत्र की सीमा में लगभग 12 से 15 किलोमीटर की दूरी पर जाकर बीट घुसरिया के जंगल में शुक्रवार को दिन में पहुंचे। 33 दिनों तक जिले में विचरण के दौरान हाथियों के द्वारा चोलना, पोडी-चोडी, पडौंर, कुकुरगोडा, गुवरी, क्योटार, कुसुमहाई, गुजारी, अमगवां, बेलिया, गोबरी, गौरेला, खोलइया, लखनपुर, दूधमनिया, केकरपानी, पगना, बांका, ठेंगरहा सहित एक दर्जन से अधिक ग्रामीण अंचलों में ग्रामीण के घरों में तोडफ़ोड़ कर खेत एवं बांडियों में लगी फसलों को अपना आहार बनाया है।
स्वेच्छा से वापस छग सीमा में गए हाथी

वन्य प्राणी संरक्षक पुष्पेंद्र द्विवेदी ने बताया कि हाथियों को भगाने के लिए कर्नाटक तथा पश्चिम बंगाल से जो टीम बुलाई गई थी, उनके द्वारा हाथियों को विभिन्न प्रयोग करते हुए वापस भेजने का प्रयास किया जा रहा था जिससे वह आकर्षित हो गए थे साथ ही डरे सहमे हुए भी थे। रायपुर निवासी नितिन सिंघवी द्वारा मामले की शिकायत भारत सरकार से दर्ज कराई गई इसके पश्चात मध्य प्रदेश वन विभाग को इस पर रोक लगाने के आदेश भारत सरकार से जारी हुए। रोक लगने के पश्चात हाथियों का गुस्सा तथा डर कुछ कम हुआ और वह फिर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए।

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