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नई दिल्ली

ट्रंप-2 में मेटा में नजर आएंगे बड़े बदलाव, पूरे सोशल मीडिया पर पड़ेगा असर

रंग वही जो सरकार को भाए : अमरीका में फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम खत्म करने से हो चुकी है शुरुआत

नई दिल्लीJan 16, 2025 / 12:59 am

ANUJ SHARMA

न्यूयॉर्क. अमरीकी के राष्ट्रपति के रूप में डोनल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम, थ्रेड्स और वॉट्सऐप के मालिकाना हक वाली कंपनी मेटा में बड़े बदलाव की तैयारियां चल रही हैं। इसका पूरे सोशल मीडिया पर असर पडऩे के आसार हैं।इसकी शुरुआत अमरीका में फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम खत्म करने से हो चुकी है। इसकी जगह समुदाय-आधारित कंटेंट मॉडरेशन सिस्टम लागू किया जाएगा। यह बदलाव गलत जानकारी से लडऩे की पुरानी कोशिशों से अलग है। मेटा के इस फैसले को ट्रंप के अलावा रूढि़वादी समुदाय से कंपनी के संबंध सुधारने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग का कहना है कि थर्ड-पार्टी फैक्ट-चेकर्स ने राजनीतिक पक्षपात पैदा किया था, जिससे यूजर्स का भरोसा टूटा। हमें अभिव्यक्ति की आजादी की जड़ों की ओर लौटने की जरूरत है। फैक्ट-चेकिंग की जगह अब ‘कम्युनिटी नोट्स’ का इस्तेमाल होगा। यह सिस्टम एलन मस्क के एक्स प्लेटफॉर्म से प्रेरित है। इसमें यूजर्स पोस्ट पर नोट्स जोड़ सकते हैं। ट्रंप के अलावा मस्क ने भी मेटा के इस फैसले का स्वागत किया है। हालांकि अन्य वैश्विक नेताओं और नियामक संस्थाओं ने फैसले पर चिंता जताई। खासकर उन देशों में इसकी आलोतना हो रही है, जहां गलत जानकारी का बड़ा असर होता है। भारत जैसे देशों में फेक न्यूज बहुत ज्यादा फैलती हैं। सरकार ने अपने फैक्ट चेकिंग विभाग बना रखे हैं।
कंपनी की नई नीतियों में होने वाले अहम बदलाव

1. इमिग्रेशन और लैंगिक पहचान जैसे संवेदनशील मुद्दों पर नियम आसान बनाए जाएंगे। यूजर्स को राजनीतिक सामग्री की मात्रा पर नियंत्रण मिलेगा।

2. सिक्योरिटी और ट्रस्ट पर काम करने वाली कंपनी की टीमों को कैलिफोर्निया से टेक्सास स्थानांतरित किया जाएगा। टेक्सास को जकरबर्ग ने ‘कम पक्षपात वाली जगह’ बताया, जो अमरीका के रूढि़वादी नेताओं का गढ़ माना जाता है।
3. कंपनी नफरत फैलाने वाले भाषण और अन्य उल्लंघनों की स्कैनिंग कम करेगी। इसके बदले यूजर रिपोर्ट और ऑटोमेटेड सिस्टम पर जोर होगा। हालांकि आतंकवाद, बच्चों के शोषण, धोखाधड़ी और नशीली दवाओं से जुड़े कंटेंट पर सख्त नजर रखी जाएगी।
नियुक्तियों से साफ हो गई रणनीति

मेटा ने रिपब्लिकन नीति विशेषज्ञ जोएल कैपलैन को ग्लोबल अफेयर्स का प्रमुख बनाया है। डाना वाइट को बोर्ड में शामिल किया है, जो ट्रंप की करीबी मानी जाती हैं। इन नियुक्तियों से कंपनी की नई रणनीति साफ हो गई है। जकरबर्ग ने माना कि कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी कुछ मॉडरेशन नीतियां विवादित थीं। अब उनका ध्यान यूजर का भरोसा बहाल करने पर है।
गलती हो गई…मेटा ने मांगी माफी

नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2024 पर अपने सीईओ मार्क जकरबर्ग के गलत बयान पर मेटा ने बुधवार को माफी मांग ली। सोशल मीडिया पर पोस्ट में फेसबुक के मालिकाना हक वाली कंपनी मेटा ने कहा कि यह गलती अनजाने में हुई। मेटा इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट (पब्लिक पॉलिसी) शिवनाथ ठुकराल ने कहा कि मार्क का यह बयान कि ज्यादातर सरकारें 2024 के आम चुनाव में वापस नहीं लौटीं, कई देशों के बारे में सही था, लेकिन भारत को लेकर गलत है। हम इस चूक के लिए माफी मांगते हैं। मेटा के लिए भारत बेहद महत्त्वपूर्ण देश रहा है। हम यहां अपना भविष्य देखते हैं।

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