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जब तक आएगी सैंपल रिपोर्ट, तब तक गोगामेड़ी का मेला खत्म, माल हजम और दुकान बंद

गोगामेड़ी मेला क्षेत्र से सैंपल तो रेकार्ड संख्या में संग्रहित, मगर जांच रिपोर्ट में देरी, जब तक आएगी सैंपल रिपोर्ट तब तक मेला और माल हो जाएगा खत्म, जिला स्तर पर फूड लैबोरेट्री निर्माण की प्रक्रिया पड़ी सुस्त, लैब बनाना भूल गई राज्य सरकार

हनुमानगढ़Sep 12, 2024 / 08:21 am

adrish khan

Record number of samples collected from Gogamedi fair area, but delay in investigation report

Record number of samples collected from Gogamedi fair area, but delay in investigation report

अदरीस खान @ हनुमानगढ़. गोगामेड़ी मेले में शुद्ध और स्वच्छ खाद्य व पेय पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए रेकार्ड संख्या में सैंपल लिए जा रहे हैं। विडम्बना यह है कि जब तक संग्रहित सैंपल की रिपोर्ट आएगी तब तक तो मेला खत्म हो जाएगा और श्रद्धालु घर लौट जाएंगे। साथ ही अस्थाई दुकानें भी उठा ली जाएंगी माने मेला खत्म और दुकानदार कर लेंगे बिक्री राशि हजम।
मेला शुरू होने के बाद से ही खाद्य सुरक्षा अधिकारी निरंतर सैंपल संग्रहित कर रहे हैं। सैंपल का आंकड़ा सौ से पार जा चुका है। मगर इस कार्य में लैबोरेट्री से जांच रिपोर्ट शीघ्रता से नहीं मिलने से पलीता लग रहा है। सैंपल की तीन से चार सप्ताह बाद ही जांच रिपोर्ट आती है। यह अवधि मेला क्षेत्र में लगने वाले अस्थाई बाजार के लिए बहुत ज्यादा है। सैंपल की शीघ्र जांच रिपोर्ट के लिए हनुमानगढ़ में फूड लैबोरेट्री स्थापित होनी थी, जो अब कागजों में गुम हो चुकी है।

समाप्ति तक नहीं आएगी रिपोर्ट

गोगामेड़ी मेला 19 अगस्त से शुरू हुआ था, इसके साथ ही खाद्य पदार्थों का सैंपल संग्रहण शुरू हुआ। अब तक रेकार्ड संख्या में कुल 101 सैंपल संग्रहित किए जा चुके हैं। जबकि छह-सात साल पहले तक पूरे साल में इतने सैंपल लिए जाते थे। सैंपल जांच के लिए बीकानेर स्थित लैबोरेट्री भिजवाए जाते हैं। फिलवक्त केवल नौ सैंपल की ही जांच रिपोर्ट आई है। जबकि 18 सितम्बर को तो मेला ही समाप्त हो जाएगा। श्रद्धालुओं की भीड़ तो 15 तक ही छंट जाएगी।

यहां वाली लैब भूले

खाद्य एवं पेय पदार्थों की जांच वास्ते दिसम्बर 2021 में हनुमानगढ़ में खाद्य प्रयोगशाला मंजूर की गई थी। फूड लैब निर्माण के लिए सीएमएचओ कार्यालय परिसर में करीब 4000 वर्ग फीट क्षेत्र में निर्माण प्रस्तावित था जिसे मुख्यालय ने स्वीकृति भी दे दी थी। मगर उसके बाद से प्रक्रिया निदेशालय स्तर पर अटकी पड़ी है। सैंपल जांच के लिए बीकानेर भेजने से अतिरिक्त समय व सरकारी धन खर्च होता है। जिला स्तर पर लैबोरेट्री बनने से जांच शीघ्रता से होगी। इससे मिलावटखोरों पर और जल्दी कार्रवाई हो सकेगी।

सिर्फ नौ की रिपोर्ट

अब तक गोगामेड़ी मेले से लिए गए सैंपल में से सिर्फ नौ की रिपोर्ट ही आई है। इनमें से तीन सैंपल फेल हुए हैं। तीन में से बेसन चक्की का एक सैंपल अनसेफ मिला है। जबकि शेष दो सैंपल सब स्टैंडर्ड मिले हैं। मिस ब्रांड व सब स्टैंडर्ड मिले सैंपल का मामला एडीएम कोर्ट में तथा अनसेफ सैंपल का प्रकरण सीजेएम कोर्ट में चलता है। अनसेफ सैंपल के मामले में ज्यादा जुर्माने तथा सजा का प्रावधान है।

दो-तीन दिन में आए रिपोर्ट

मिलावटी खाद्य पदार्थ लोगों के पेट में जाने से बचाने के लिए जरूरी है कि सैंपल रिपोर्ट दो-तीन दिन में ही आ जाए। यदि मेले जैसी जगहों पर लगने वाली अस्थाई दुकानों से सैंपल की रिपोर्ट एक माह में आएगी तो श्रद्धालुओं को तो उसका पूरा लाभ नहीं मिलेगा। भले ही बाद में दुकानदार पर कार्रवाई होती रहे। – एडवोकेट हनीश ग्रोवर।

फूड लैब संबंधी भेज चुके रिपोर्ट

मेला क्षेत्र से विभागीय टीम ने रेकार्ड संख्या में सैंपल लिए हैं। खराब खाद्य व पेय पदार्थों को नष्ट भी कराया जा रहा है। सैंपल की जांच रिपोर्ट भी आनी शुरू हो गई है। सैंपल जांच के लिए सामान्यत: बीकानेर भेजते हैं। जिला मुख्यालय पर फूड लैब निर्माण को लेकर मुख्यालय के आदेश पर जगह चिह्नित कर रिपोर्ट भेजी हुई है। – डॉ. नवनीत शर्मा, सीएमएचओ।

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