जानकारी के अनुसार मृतिका की मां दुर्गा यादव ने 9 जुलाई 2021 को केसली थाना में की गई शिकायत में बताया था कि वह करीब चार-पांच माह से अपने पति को छोड़ दिया था और सात साल की छोटी बेटी/मृतिका के साथ अपने दास्ता पति मोनू राजपूत के साथ रह रही थी। दो जुलाई को मायके से वापस आने के बाद बच्ची के साथ सो गई, लेकिन जब सुबह करीब 5:30 बजे उठी तो बेटी बिस्तर से गायब थी। पति के साथ बेटी की आसपास तलाश की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। महिला की शिकायत पर पुलिस ने मामला पंजीबद्ध करते हुए विवेचना में लिया।
– जग हंसाई से नाराज था आरोपी
विवेचना के दौरान पुलिस ने जब पूछताछ की तो मृतिका के सौतेले पिता आरोपी मोनू उर्फ भूपेंद्र ने बताया कि 12-13 दिन पहले पत्नी दुर्गा बेटी को लेकर बिना बताए मायके चली गई थी। इसके पहले भी वह बिना बताए कहीं भी चली जाती थी, जिससे उसकी जग हंसाई होती थी। दो जुलाई को मायके से लौटी पत्नी व बेटी के साथ लाठी से मारपीट की थी। रात में देखा तो बच्ची बेहोश पड़ी है, मैंने सोचा कि सुबह पत्नी दुर्गा सबको बता देगी कि मेरे मारने से बच्ची की मौत हुई तो रात को ही उसे उठाकर कुआं में फेंक दिया था। दो दिन बाद जब शव पानी के ऊपर आया तो उसे कुआं से निकालकर खेत में दफना दिया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना में लिया और विवेचना कर चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन ने साक्षियों व संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित करते हुए मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण के बाद प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश देवरी की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए अपना फैसला सुनाया है। विवेचना के दौरान पुलिस ने जब पूछताछ की तो मृतिका के सौतेले पिता आरोपी मोनू उर्फ भूपेंद्र ने बताया कि 12-13 दिन पहले पत्नी दुर्गा बेटी को लेकर बिना बताए मायके चली गई थी। इसके पहले भी वह बिना बताए कहीं भी चली जाती थी, जिससे उसकी जग हंसाई होती थी। दो जुलाई को मायके से लौटी पत्नी व बेटी के साथ लाठी से मारपीट की थी। रात में देखा तो बच्ची बेहोश पड़ी है, मैंने सोचा कि सुबह पत्नी दुर्गा सबको बता देगी कि मेरे मारने से बच्ची की मौत हुई तो रात को ही उसे उठाकर कुआं में फेंक दिया था। दो दिन बाद जब शव पानी के ऊपर आया तो उसे कुआं से निकालकर खेत में दफना दिया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना में लिया और विवेचना कर चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन ने साक्षियों व संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित करते हुए मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण के बाद प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश देवरी की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए अपना फैसला सुनाया है।