नेहरु नगर से टाटीबंध तक स्थिति ख़राब
नेहरु नगर से टाटीबंध तक 30 किलोमीटर सड़क की स्थिति बहुत ही खराब है। दुर्ग-भिलाई के नौकरी पेशा करीब 10 हजार लोग रोजाना रायपुर आना-जाना करते हैं। इस सड़क अनगिनत गड्ढो से किसी तरह बचते बचाते सफर करते हैं। गड्ढों की वजह से अनियंत्रित होकर गिरने की नौबत आ जाती है। बड़ी गाडिय़ों से टकराने की आशंका रहती है। फिर भी जान हथेली पर रखकर एनएच-53 से सफर करने पर मजबूर है। इसके बावजूद कुम्हारी टोल प्लाजा में लाइन लगकर टैक्स देना होता है। पिछले आठ वर्षों से इस सड़क की मरम्मत नहीं हुई है। अब टोल वसूली करने वाली कंपनी के मैनेजर का कहना है कि उन्हें सिर्फ वसूली का ठेका मिला है। मरम्मत की जिम्मेदारी उनकी नहीं है।
सड़क की स्थिति खराब है। बहुत ही ज्यादा गड्ढे हो गए हैं। संकेतक बोर्ड के साथ अच्छी सड़क होने से 70 प्रतिशत दुर्घटना कम हो जाती है। सड़क पर गड्ढे होने से चालक को अचानक ब्रेक लगाना पड़ता है। इस कारण पीछे से आ रहे वाहनों के टकराने से दुर्घटना की आशंका रहती है। इसलिए गड्ढों की मरम्मत जरूरी है। बारिश है तो कांक्रीट से उसकी फिलिंग कराई जाए।
एजेंसी का काम सड़क मरम्मत नहीं
टोल टैक्स वसूल करने वाली कंपनी एवीपीएम के स्थानीय प्रमुख दिलीप सिंह ने बताया कि टोल टैक्स वसूल करने वाली एजेंसी का काम सड़क मरम्मत करना नहीं है। एनएचएआई ने टैक्स वसूलने के लिए एजेंसी को ठेका दिया है। दो-तीन किलोमीटर के अंदर की गाड़ियों से टोल नहीं लेते हैं। जबकि 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले वाहनों को छूट देने का प्रवधान है। 07 पासिंग गाड़ी के लिए फ्री नहीं रहा।
पीडब्ल्यूडी एनएच नहीं कराती मरम्मत
टैक्स वसूली करने वाली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि सड़क की मरम्मत की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी एनएच की है। जबकि पीडब्ल्यूडी एनएच के अधिकारियों का कहना है कि एनएच की सड़क और नेहरु नगर से कुम्हारी तक बनाए गए चार फ्लाई ओवर ब्रिज की सड़क चकाचक है। कहीं भी कोई खराबी नहीं है। कहीं कोई समस्या नहीं है। अब सड़क का हाल रोजाना सफर करने वाले ही जानते हैं।