दिसम्बर 2023 में चेन्नई के गरुगम्बाक्कम निवासी मानसा अपना लेटर पोस्ट करने के लिए पोलीचालूर पोस्ट ऑफिस गए थे। डाक शुल्क 29.50 रुपए था लेकिन उन्होंने 30 रुपए का भुगतान किया। उन्हें यह उम्मीद थी कि पोस्ट ऑफिस क्लर्क 50 पैसे वापस करेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब मानसा ने पैसे मांगे, तो क्लर्क ने कहा कि सिस्टम राशि को 30 रुपए तक राउंड ऑफ कर देता है और 50 पैसे वापस नहीं दिए जा सकते। मानसा ने इस पर आपत्ति जताते हुए यूपीआई से भुगतान करने की पेशकश की लेकिन पोस्ट ऑफिस ने तकनीकी समस्याओं का हवाला देकर यूपीआई से पैसे लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद मानसा ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कर दी।
सुनवाई के दौरान मानसा ने यह तर्क दिया कि राउंड ऑफ की यह प्रथा सरकार को नुकसान पहुंचा सकती है और यह उपभोक्ता के अधिकारों का हनन हैं। पोस्ट ऑफिस ने अपनी दलील में यह कहा कि नवम्बर 2023 से डिजिटल भुगतान में दिक्कत आ रही थी और मई 2024 में इसे बंद कर दिया गया था। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आयोग ने यह माना कि पोस्ट ऑफिस ने सॉफ्टवेयर की खराबी के कारण अधिक पैसे लिए, जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(47) के तहत अनुचित व्यापार व्यवहार हैं। आयोग ने पोस्ट ऑफिस को 50 पैसे के बजाय मानसा को 15,000 रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया।