बिरला ने संसद भवन परिसर में आर्मेनिया के राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष एच.ई. एलेन सिमोनियन के साथ द्विपक्षीय बैठक में यह बातें की। दोनों पक्षों ने व्यापार और निवेश सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बिरला ने इस साल जिनेवा में इंटर-पार्लियामेंट्री यूनियन (आईपीयू) असेंबली के दौरान एच.ई. सिमोनियन के साथ अपनी पिछली बैठक को याद किया। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में, दोनों देशों के बीच राजनीतिक और संसदीय संवाद और सहयोग में वृद्धि हुई है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी के नए अवसर खुले हैं।
उन्होंने दोनों देशों के बीच बहुपक्षीय मंचों पर निरंतर संवाद और सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों और दोनों संसदों के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर नियमित चर्चा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की संसदों के बीच सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को और मजबूत किया जा सके। बिरला ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि इस वर्ष भारतीय संविधान के अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ है, जो राष्ट्र की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर को मनाने के लिए भारत की संसद के दोनों सदनों में भारतीय संविधान पर दो दिवसीय विशेष चर्चा आयोजित की गई।
लैंगिक समानता का सम्मान
बिरला ने उल्लेख किया कि भारत ने हमेशा लैंगिक समानता का समर्थन किया है। नई संसद भवन में पारित पहला कानून “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” था, जो देश में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।