जो पता चलेगा उसके मुताबिक कार्रवाई करेंगे
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसपर कहा, “डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द करने का फैसला कानून के तहत कोर्ट से निर्देश के बाद होता है। ऐसा निर्देश हमे नहीं आया है। जब भी राजनीतिक क्लीयरेंस दिया गया, तो हमसे न यह मांगा गया है और न हमने इश्यू किया है। डिप्लोमिटिक पासपोर्ट वाले को जर्मनी जाने के लिए वीजा देने की जरूरत नहीं पड़ती और हमने दूसरी जगह का वीजा उन्हें नही दिया है। रेवन्ना राजनयिक पासपोर्ट पर गए है। राजनीतिक क्लीयरेंस नहीं दिया गया है और न उन्होंने लिया है। इस मामले में जांच चल रही है, जांच के बाद जो पता चलेगा उसके मुताबिक कार्रवाई करेंगे।” चीन के मुद्दे पर प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “शक्सगाम घाटी भारत के क्षेत्र का एक हिस्सा है। हमने 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते को कभी स्वीकार नहीं किया है, जिसके माध्यम से पाकिस्तान ने अवैध रूप से इस क्षेत्र को चीन को सौंपने का प्रयास किया था। हमने लगातार इसके प्रति अपनी अस्वीकृति व्यक्त की है। हमने जमीनी स्तर पर तथ्यों को बदलने के अवैध प्रयासों के खिलाफ चीनी पक्ष के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया है। हम अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने का अधिकार भी सुरक्षित रखते हैं।”