शादाब अहमदधनबाद (झारखंड). झारखंड भले ही आदिवासी बाहुल्य प्रदेश हो, लेकिन यहां सही मायनों में महिलाएं ‘आधी आबादी’ की भूमिका में नजर आ रही है। क्योंकि इस प्रदेश में 49.31 फीसदी महिला मतदाता है। इसके साथ ही विधानसभा की 81 में से 32 सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। यही वजह है क यहां सत्ताधारी इंडिया ब्लॉक के साथ विपक्षी एनडीए ने आधी आबादी पर पूरा दांव खेल दिया है। सोरेन सरकार की ओर से 18 से 50 साल आयु की महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए देने वाली मंईयां योजना की चर्चा जमीन पर दिख रही है। इसके मुकाबले के लिए भाजपा ने गोगो दीदी योजना के तहत हर महीने 2100 रुपए देने के वादे के साथ रोटी, माटी और बेटी की रक्षा का नारा दिया है।
दरअसल, मैं चुनावी माहौल देखने के लिए धनबाद जिले की तुंडी विधानसभा क्षेत्र की ओर बढ़ चला। रास्ते में धान निकालने के लिए खेत में गोबर की लिपाई से बाडे को तैयार करने में कुछ महिलाएं जुटी हुई थी। पूछने पर रूक्मणी कहने लगी, मंईयां योजना के तहत दो दिन पहले ही एक हजार रुपए खाते में आए हैं। यह तो ठीक है, लेकिन रोजगार के लिए सरकार को कुछ करना चाहिए। वहीं पडोस के खेत में काम कर रही पिहुल से मंईयां के रुपयों को पति को देने का सवाल किया तो उसने तपाक से कहा, ‘यह रुपए पति को क्यों दूं? यह मेरे खाते में आए हैं, इसलिए दिवाली पर मैंने अपने और बच्चों के कपड़ों और सामान खरीदने पर खर्च कर दिए। यहां से आगे बढ़ा तो तिलाबानी गांव में मैंने भाजपा के रोटी, माटी और बेटी की रक्षा वाला होडिंग दिखाते हुए बुजुर्ग ओमप्रकाश महतो से इस पर सवाल किए, जिस पर महतो कहने लगे कि इससे क्या होगा? हमें तो नियमित काम चाहिए। सरकार धान देकर अच्छा कर रही है। यहां से मैं बोकारो के चास इलाके में पहुंचा। यहां हेल्थ वर्कर तमिया साहू कहने लगी कि एक हजार रुपए से क्या होगा? हम 2005 से संविदा पर काम कर रहे हैं। हेमंत सोरेन ने पक्की नौकरी का वादा किया था, लेकिन पांच साल में कुछ नहीं किया। अब मंईयां योजना की लॉलीपॉप दे रहे हैं। यहां से बस में बैठकर सिंदरी की ओर रवाना हुआ। बस में मेरे पास बैठे यात्री ताकू सोरेन ने भाजपा के एजेंडे पर कहा कि यह बस चुनाव में फायदे के लिए है। सच में ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में भाजपा का असर दिख रहा है, लेकिन गांवों में जेएमएम गठबंधन का असर है।
महिलाओं के बीच जा रही कल्पना सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने सियासत में कदम रखा। एमबीए की हुई कल्पना अब सबसे ज्यादा सभाओं करने वाली नेताओं में शुमार हो चुकी है। चुनाव से पहले उन्होंने करीब 70 सभाएं की। वहीं चुनाव के दौरान उनकी हर दिन करीब 3 से 4 सभाएं हो रही है। इस दौरान उनका फोकस महिलाओं पर रहता है। वे महिलाओं के मुद्दों को उठाने के साथ उनके बीच जाकर घुलमिल रही है। साथ ही केन्द्र सरकार और भाजपा पर जमकर हमला भी बोल रही है।
सरमा ने संभाल रखी भाजपा की कमान
असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्व सरमा ने भाजपा की चुनावी कमान संभाल रखी है। वह घुसपैठियों की बात कर हिंदुत्व के एजेंडे को जमकर उठा रहे हैं। उनके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार रैलियां कर इस एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।