दरअसल, जब भगवान राम रावण का वध करके 14 वर्ष के वनवास से वापस लौटे थे तो अयोध्या में मिट्टी के दीपक जलाकर अपनी खुशी जाहिर की थी। इसके बाद से यह परंपरा चली आ रही है। इस दिन मिट्टी का दीपक जलाने के पीछे कई मत हैं। मान्यता है कि मिट्टी का दीपक जलाने से घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।
विद्वानों का कहना है कि मिट्टी को मंगल ग्रह का प्रतीक माना जाता है, मंगल साहस, पराक्रम में वृद्धि करता है। वहीं तेल को शनि का प्रतीक माना जाता है और शनि को भाग्य का देवता कहा जाता है। ऐसे में घर में मिट्टी का दीपक जलाने से मंगल और शनि की दोनों की कृपा आती है।
बता दें कि हिंदू धर्म में पंच तत्वों जल, अग्नि, वायु, आकाश और भूमि की भूमिका काफी अहम है। वहीं मिट्टी का दीया इन पंच तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है। मान्यता है कि जब मिट्टी का दीया जलाया जाता है तो यह तीनों लोकों और तीनों कालों का भी प्रतिनिधित्व करता है। मिट्टी का दीया पृथ्वी लोक और वर्तमान का प्रतीक माना जाता है वहीं उसमें जलने वाले तेल या घी भूतकाल व पाताल लोक का प्रतिनिधित्व करता है। इसके साथ ही दीये में चलने वाली लौ स्वर्ग, आकाश और भविष्य का प्रतिनिधित्व करती है।