scriptDelhi Elections 2025: दिल्ली की वो 24 सीटें, जहां कांग्रेस के हाथ में ‘आप’ का भविष्य, भाजपा उठा सकती है फायदा | Delhi Elections 2025 Congress Aam Aadmi Party defeat will benefit BJP on 24 assembly seats | Patrika News
नई दिल्ली

Delhi Elections 2025: दिल्ली की वो 24 सीटें, जहां कांग्रेस के हाथ में ‘आप’ का भविष्य, भाजपा उठा सकती है फायदा

Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब सियासी दंगल दिलचस्प हो गया है। हालांकि दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और भाजपा में माना जा रहा है, लेकिन कांग्रेस भी हार-जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। आइए जानते हैं।

नई दिल्लीJan 20, 2025 / 05:17 pm

Vishnu Bajpai

Delhi Elections 2025: दिल्ली की वो 24 सीटें, जहां कांग्रेस के हाथ में 'आप' का भविष्य, भाजपा उठा सकती है फायदा
Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा सातवें आसमान पर है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी जहां इस बार चौथी बार सत्ता में आना चाहती है। वहीं भाजपा अपना 26 साल का सूखा खत्म करने की कोशिश में है। इसके साथ ही कांग्रेस अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़ रही है। वैसे तो दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और भाजपा में है, लेकिन कांग्रेस की भूमिका भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की लड़ाई में भाजपा को बड़ा फायदा होने वाला है। दिल्ली में ऐसी करीब 24 विधानसभा सीटें हैं। जहां कांग्रेस के चलते आम आदमी पार्टी को नुकसान और भाजपा को फायदा हो सकता है। चुनाव आयोग के अनुसार दिल्ली में इस बार 83,49,645 पुरुष, 71,73,952 महिला और 1,261 थर्ड जेंडर मिलाकर कुल 1 करोड़ 55 लाख से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। 5 फरवरी को दिल्ली में होने वाले मतदान के लिए 13000 से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसके अलावा 85 साल से ज्यादा उम्र वाले मतदाताओं को घर से वोट करने की सुविधा भी दी जाएगी।

कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा बना दिल्ली विधानसभा चुनाव

दरअसल, दिल्ली में पिछले दो बार हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस शून्य पर सिमट गई। ऐसे में इस बार कांग्रेस के सामने अपनी प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जिन सीटों पर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला है। वहां कांग्रेस भाजपा के लिए फायदेमंद साबित होगी। दिल्ली में 24 सीटें ऐसी हैं, जहां अगर कांग्रेस प्रत्याशी 10 हजार मतदाताओं का ध्यान अपनी ओर खींचने में कामयाब होते हैं तो आम आदमी पार्टी की हार की संभावना बढ़ जाएगी। अब जानते हैं उन विधानसभा सीटों के बारे में, जहां चुनाव की जीत-हार में कांग्रेस की भूमिका अहम है।

नई दिल्ली में ‘आप’ की मुश्किलें बढ़ाएगा त्रिकोणीय मुकाबला

नई दिल्ली विधानसभा सीट पर वैसे तो आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का कब्जा है। यहां पिछले दो चुनावों से भाजपा दूसरे नंबर की पार्टी है। साल 2020 में अरविंद केजरीवाल को 46758 और भाजपा के सुनील कुमार यादव को 25061 वोट मिले थे। हार जीत का अंतर 20 हजार से ज्यादा था। जबकि साल 2015 में अरविंद केजरीवाल को 57213 और भाजपा की नूपुर शर्मा को 25630 वोट मिले थे। हार जीत का अंतर 32 हजार था। इस बार यहां तीनों दलों से दिग्गज नेता चुनावी मैदान में हैं। ऐसे में कांग्रेस का प्रदर्शन भाजपा और आप का भविष्य तय करेगा।
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कालकाजीः आम आदमी पार्टी की जीत का रास्ता कठिन

दिल्ली की हॉट सीट कालकाजी पर भी साल 2020 में हार जीत का अंतर 11 हजार था। यहां आप की आतिशी को 55897, भाजपा के धरमबीर सिंह को 44504 और कांग्रेस की शिवानी चोपड़ा को 4965 वोट मिले थे। जबकि साल 2015 में आप के अवतार सिंह कालकाजी को 55104, भाजपा के हरमीत सिंह कालका को 35335 और कांग्रेस के सुभाष चोपड़ा को 13552 वोट मिले थे। इस बार कालकाजी में आतिशी के खिलाफ भाजपा से रमेश बिधूड़ी मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस ने तेज तर्रार महिला नेता अलका लांबा पर दांव लगाया है।

पटपड़गंजः अवध ओझा के लिए भी जीत आसान नहीं

पटपड़गंज विधानसभा चुनाव 2020 में आप के मनीष सिसोदिया को 70163, भाजपा के रविंदर सिंह नेगी को 66956 और कांग्रेस के लक्ष्मण रावत को 2802 वोट मिले थे। हार जीत का अंतर तीन हजार था। जबकि साल 2015 में मनीष सिसोदिया को 75243, भाजपा के विनोद कुमार बिन्नी को 46452 और कांग्रेस के अनिल कुमार को 16177 वोट मिले थे। इस बार यहां आप ने शिक्षाविद् अवध ओझा को चुनावी मैदान में उतारा है। जबकि भाजपा ने रविंदर सिंह नेगी और कांग्रेस ने अनिल चौधरी को टिकट दिया है।

जंगपुराः मनीष सिसोदिया के लिए मुसीबत बन सकती है कांग्रेस

जंगपुरा विधानसभा सीट पर भी साल 2020 में हुए चुनाव के दौरान हार जीत का अंतर 16 हजार था। यहां आप के प्रवीन कुमार को 45133, भाजपा के इंप्रीत सिंह बख्शी को 29070 और कांग्रेस तरविंदर सिंह मारवाह को 13565 वोट मिले थे। जबकि साल 2015 में आप के प्रवीन कुमार को 43927, भाजपा के मनिंदर सिंह धीर को 23477 और कांग्रेस के तरविंदर सिंह मारवाह को 22662 वोट मिले थे। इस बार जंगपुरा से आप के दिग्गज नेता मनीष सिसौदिया चुनावी मैदान में हैं। वहीं भाजपा ने तरविंदर सिंह मारवाह और कांग्रेस ने फरहाद सूरी पर दांव लगाया है। जंगपुरा से तीन बार विधायक रह चुके तरविंदर सिंह मारवाह पहले कांग्रेस में थे। साल 2022 में उन्होंने भाजपा जॉइन की थी।

आदर्शनगरः आम आदमी पार्टी के लिए कड़ी चुनौती है चुनाव

दिल्ली की आदर्श नगर विधानसभा सीट पर साल 2020 में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी पवन शर्मा को 46808 मत प्राप्त हुए थे। जबकि भाजपा प्रत्याशी राजकुमार भाटिया को 45066 वोट मिले थे। इसके अलावा यहां कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश कुमार गोयल को भी 9986 वोट मिले थे। यहां आप और भाजपा के बीच हार-जीत का अंतर डेढ़ हजार था। वहीं साल 2015 में पवन कुमार शर्मा को 53918, भाजपा के राम किशन सिंघल को 32863 और कांग्रेस के मुकेश कुमार गोयल को 15278 वोट मिले थे। भाजपा और आप के बीच हार-जीत का अंतर 21 हजार था। इस बार आम आदमी पार्टी ने मौजूदा विधायक पवन कुमार शर्मा का टिकट काटकर मुकेश गोयल पर दांव लगाया है। जबकि कांग्रेस से शिवांक सिंघल तो भाजपा ने राज कुमार भाटिया को चुनाव में उतारा है। इस सीट पर भी आम आदमी पार्टी के लिए इस बार जीत मुश्किल हो सकती है।
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इन सीटों पर भी हार-जीत में कांग्रेस निभाएगी बड़ी भूमिका

बवानाः साल 2020 के चुनावों में बवाना विधानसभा सीट पर आप प्रत्याश जय भगवान को 95715, भाजपा प्रत्याा रविंदर कुमार को 84189 और कांग्रेस के सुरेंदर कुमार को 12803 वोट मिले थे। हार जीत का अंतर 11 हजार था। जबकि साल 2015 में आप के वेद प्रकाश को 108928, भाजपा गगन सिंह को 58371 और कांग्रेस के सुरेंद्रर कुमार को 14749 वोट मिले थे।
किराड़ीः किराड़ी विधानसभा में साल 2020 के चुनावों में आप के रितुराज गोविंद को 86312, भाजपा के अनिल झा को 80658 और कांग्रेस के कौशल मिश्रा को 1830 वोट मिले थे। जीत-हार का अंतर 6 हजार था। जबकि साल 2015 में आप के रितुराज गोव‌िंद को 97649, भाजपा अनिल झा को 52424 और कांग्रेस के प्रत्यूष कांठ को 2075 वोट मिले थे।
नांगलोई जाटः यहां साल 2020 में आप के राघुवेंद्र श्योकंद को 74444, भाजपा की सुमनलता को 62820 और कांग्रेस के मंदीप सिंह को 9761 वोट मिले थे। यहां भी जीत-हार का अंतर 6 हजार था। जबकि साल 2015 में आप के राघुवेंद्र श्योकंद को 83259, भाजपा के मनोज कुमार श्योकंद को 46235 और कांग्रेस के डॉ. बिजेंद्र सिंह को 15756 वोट मिले थे।
शालीमार बागः शालीमार बाग विधानसभा सीट पर साल 2020 में आप की बंदना कुमारी को 57707, भाजपा की रेखा गुप्ता को 54267 और कांग्रेस के जेएस नायल को 2491 वोट मिले थे। हार-जीत का अंतर 3 हजार था। जबकि साल 2015 में आप की बंदना कुमार को 62656, भाजपा की रेखा गुप्ता को 51678 और कांग्रेस के सुलेख अग्रवाल को 3200 वोट मिले थे।
शकूर बस्तीः इस विधानसभा सीट पर साल 2020 की बात करें तो आप के सत्येंद्र जैन को 51165, भाजपा के डॉ. एससी वत्स को 43573 और कांग्रेस के देवराज अरोड़ा को 3382 वोट मिले थे। हार-जीत का अंतर आठ हजार था। जबकि साल 2015 में आप के सत्येंद्र जैन को 51530, भाजपा के डॉ. एससी वत्स को 48397 और कांग्रेस के चमनलाल शर्मा को 4812 वोट मिले थे।
ट्राईनगरः ट्राईनगर विधानसभा सीट पर साल 2020 के चुनावों में आप की प्रीती तोमर 58504, भाजपा के तिलकराम गुप्ता को 47794 और कांग्रेस के कमलकांत शर्मा को 4075 वोट मिले थे। हार जीत का अंतर 11 हजार था। जबकि साल 2015 में आप के जितेंद्र सिंह तोमर को 63012, भाजपा के नंद किशोर गर्ग को 40701 और कांग्रेस के अनिल भारद्वाज को 7939 वोट मिले थे।
वजीरपुरः इस विधानसभा सीट पर साल 2020 में आप के राजेश गुप्ता हो 57331, भाजपा के डॉ. महेंद्र नागपाल को 45641 और कांग्रेस के हर‌िकिशन जिंदल को 3501 वोट मिले थे। हार जीत का अंतर साढ़े 12 हजार था। जबकि साल 2015 में आप के राजेश गुप्ता को 61208, भाजपा के डॉ. महेंद्र नागपाल को 39164 और कांग्रेस के हरि शंकर गुप्ता को 8371 वोट मिले थे।
मॉडल टाउनः साल 2020 में हुए चुनाव के दौरान मॉडल टाउन विधानसभा सीट पर आप के अखिलेश पति त्रिपाठी को 52665, भाजपा के कपिल मिश्रा को 41532 और कांग्रेस की आकांक्षा ओला को 4085 वोट मिले थे। हार जीत का अंतर 11 हजार था। जबकि साल 2015 में आप के अखिलेश पति त्रिपाठी को 54628, भाजपा के विवेक गर्ग को 37922 और कांग्रेस के कंवर करन सिंह को 8992 वोट मिले थे।
नरेलाः नरेला विधानसभा सीट पर साल 2020 में आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच हार-जीत का अंतर 18 हजार था। आप प्रत्याशी शरद कुमार को 86262 वोट मिले थे। जबकि भाजपा प्रत्याशी नील दमन खत्री को 68833 वोट प्राप्त हुए थे। इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुंडू को कुल 6240 मत प्राप्त हुए थे। जबकि साल 2015 में आप प्रत्याशी शरद कुमार को 96143 वोट और भाजपा के नील दमन खत्री को 55851 मत मिले थे। जीत-हार का अंतर लगभग 41 हजार था। कांग्रेस को 4643 वोट मिले थे। इस बार अगर कांग्रेस यहां अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने में कामयाब रहती है तो आम आदमी पार्टी के लिए जीत मुश्किल हो सकती है।
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बादलीः बादली विधानसभा चुनाव 2020 की बात करें तो आप के अजेश यादव को 69357, भाजपा के विजय कुमार भगत को 40234 और कांग्रेस के देवेंद्र यादव को 27449 वोट मिले थे। हार जीत का अंतर 29 हजार था। जबकि साल 2015 में आप के अजेश यादव को 72702, कांग्रेस के देवेंद्र यादव को 37343 और भाजपा के राजेश यादव को 28089 वोट मिले थे।
रिठालाः रिठाला की बात करें तो साल 2020 में यहां आप के मोहिंदर गोयल को 87940, भाजपा के मनीष चौधरी को 74067 और कांग्रेस के प्रदीप कुमार पांडेय को 2651 वोट मिले थे। जबकि साल 2015 में आप के मोहिंदर गोयल को 93470, भाजपा के कुलवंत राणा को 64219 और कांग्रेस के जगदीश यादव को 5367 वोट मिले थे।
मोतीनगरः इस विधानसभा सीट पर भी हार जीत का अंतर साल 2020 में 14 हजार था। यहां आप के शिव चरन गोयल को 60622, भाजपा के सुभाष सचदेवा को 46550 और कांग्रेस के रमेश पोपली को 3152 वोट मिले थे। जबकि साल 2015 में आप के शिवचरन गोयल को 60223, भाजपा के सुभाष सचदेवा को 45002 और कांग्रेस के राजकुमार मग्गो को 6111 वोट मिले थे।
जनकपुरीः साल 2020 के चुनावों में जनकपुरी विधानसभा सीट पर आम के राजेश ऋषि को 67968, भाजपा के आशीष सूद को 53051 और कांग्रेस की राधिका खेड़ा को 2084 वोट मिले थे। हार जीत का अंतर 14 हजार था। यहां करीब सात सौ लोगों ने नोटा प्रयोग किया था। इसके अलावा साल 2015 में आप के राजेश ऋषि को 71802, भाजपा के प्रो. जगदीश मुखी को 46222 और कांग्रेस सुरेश कुमार को 4699 वोट मिले थे।
द्वारकाः द्वारका विधानसभा चुनाव 2020 में आप के विनय शर्मा को 71003, भाजपा प्रद्युम्न राजपूत को 56616 और कांग्रेस के आदर्श शास्‍त्री को 6757 वोट मिले थे। हार जीत का अंतर 13 हजार था। जबकि साल 2015 में आप के आदर्श शास्‍त्री को 79729, भाजपा प्रद्युम्न राजपूत को 40363 और कांग्रेस के महाबल मिश्रा को 12532 वोट मिले थे।
नजफगढ़ः नजफगढ़ विधानसभा चुनाव 2020 में आप के कैलाश गहलोत को 81507, भाजपा के अजीत सिंह खरखरी को 75276 और कांग्रेस के साहब सिंह को 2379 वोट मिले थे। यहां हार जीत का अंतर छह हजार था। जबकि साल 2015 में आप के कैलाश गहलोत को 55598, भाजपा के अजीत सिंह खरखरी को 39462 और कांग्रेस के जय किशन शर्मा को 8180 वोट मिले थे। इसके अलावा यहां इंडियन नेशनल लोक दल के प्रत्याशी भारत सिंह 54043 मतों के साथ दूसरे नंबर पर थे।
बिजवासनः इस विधानसभा सीट पर साल 2020 में हार जीत का अंतर एक हजार था। यहां आप के भूपिंदर सिंह जून को 57271, भाजपा के सत प्रकाश राणा को 56518 और कांग्रेस के प्रवीण राणा को 5937 वोट मिले थे। जबकि साल 2015 में देवेंद्र सेहरावत को 65006, भाजपा के सत प्रकाश राणा को 45470 और कांग्रेस के विजय सिंह लोचव को 5258 वोट मिले थे।
दिल्ली कैंटः दिल्ली कैंट विधानसभा चुनाव 2020 में आप के वीरेंद्र सिंह कादियान को 28971, भाजपा के मनीष सिंह को 18381 और कांग्रेस के संदीप तंवर को 7954 वोट मिले थे। हार जीत का अंतर 10 हजार था। जबकि साल 2015 में आप के सुरेंदर सिंह को 40133, भाजपा के करन सिंह तंवर को 28935 और कांग्रेस के संदीप तंवर को 7087 वोट मिले थे। उस समय भी हार जीत का अंतर 11 हजार था।
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कस्तूरबा नगरः कस्तूरबा नगर विधानसभा चुनाव 2020 में आप के मदन लाल को 37100, भाजपा के रविंदर चौधरी को 33935 और कांग्रेस के अभिषेक दत्‍त को 19648 वोट मिले थे। हार जीत का अंतर तीन हजार था। जबकि साल 2015 में आप के मदन लाल को 50766, भाजपा के रविंदर चौधरी को 34870 और कांग्रेस के नीरज बासोया को 11233 वोट मिले थे।
छतरपुरः साल 2020 के विधानसभा चुनाव में छतरपुर में हार जीत का अंतर चार हजार था। यहां आप के करतार सिंह तंवर को 69411, भाजपा के ब्रह्म सिंह तंवर को 65691 और कांग्रेस के सतीश लोहिया को 3874 वोट मिले थे। जबकि साल 2015 में आप के करतार सिंह तंवर को 67645, भाजपा के ब्रह्म सिंह तंवर को 45405 और कांग्रेस के बलराम तंवर को 9339 वोट मिले थे।

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