शनिवार को जुबैर की चार दिन तक हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अवधि पूरी हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने जुबैर को कोर्ट में पेश किया। दिल्ली पुलिस के विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका रद्द कर दी गई है और न्यायिक रिमांड के लिए हमारा आवेदन स्वीकार कर लिया गया है। पुलिस ने पांच दिन तक हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अवधि पूरी होने के बाद जुबैर को अदालत के समक्ष पेश किया था और उसे न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया था।
पुलिस ने अदालत से कहा कि आगे भी जुबैर को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत पड़ सकती है। इससे पहले पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद जुबैर द्वारा इस मामले में साजिश रचने और सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगाया था। बता दें दिल्ली पुलिस ने सोमवार को मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार कर लिया था। एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। जिसने सोशल मीडिया पर दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए आरोप लगाया था कि जुबैर ने एक विशिष्ट धर्म के भगवान का जानबूझकर अपमान करने के इरादे से एक संदिग्ध तस्वीर ट्वीट की थी। उसके खिलाफ धार्मिक भावनाओं और कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
वहीं कोर्ट का फैसला आने से पहले ही जुबैर की जमानत याचिका खारिज होने की बात को लिक कर दिया गया था। जुबैर के वकील ने दिल्ली पुलिस ने उनके बेल ऑर्डर को लीक करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि न्यायिक मजिस्ट्रेट के बैठने और आदेश देने से पहले ही पुलिस ने मीडिया में आदेश लीक कर दिया। उन्होंने पूछा कि केपीएस मल्होत्रा कोर्ट के आदेश केबारे में कैसे जानते हैं। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी केपीएस मल्होत्रा ने शनिवार को मीडिया से गलत सूचना साझा करने की बात स्वीकार की। उन्होंने पहले बताया था कि मोहम्मद जुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। जुबैर के वकील सौतिक बनर्जी ने हालांकि कहा कि अदालत द्वारा अब तक कोई आदेश नहीं दिया गया है।