नई दिल्ली

पाकिस्तानी समिति ने खुद मानी बात, कराची यूनिवर्सिटी में हमले के बाद पाक से उठा चीन का भरोसा

पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। कराची में एक मिनीबस पर हुए भीषण हमले के बाद चीन बुरी तरह खौफ में है। इस साल चीनी नागरिकों पर तीन बार विद्रोहियों के हमले हो चुके हैं। पाकिस्तान की सुरक्षा प्रणाली चीनी नागरिकों और उनके परियोजनाओं की रक्षा करने में असमर्थ नजर आ रही है।

नई दिल्लीMay 08, 2022 / 08:23 pm

Archana Keshri

पाकिस्तानी समिति ने खुद मानी बात, कराची यूनिवर्सिटी में हमले के बाद पाक से उठा चीन का भरोसा

पाकिस्तान को हमले को लेकर चेतावनी देते आए चीन का अब उस पर से भरोसा ही उठ गया है। खुद पाकिस्तान की सुरक्षा मामलों की संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। हालिया आतंकी हमला कराची यूनिवर्सिटी के परिसर में हुआ। यहां एक आत्मघाती हमले में तीन चीनी नागरिकों और एक पाकिस्तान वैन ड्राइवर समेत चार लोगों की जान चली गई थी। जिसके बाद चीन ने पाकिस्तान के ऊपर गुस्से का इजहार किया था। पाकिस्तान का दावा है कि वह अपने देश में चीनी नागरिकों को सेना की सुरक्षा उपलब्ध करवा रहा है। इसके बावजूद पाकिस्तान में विद्रोही संगठन लगातार चीनी नागरिकों को निशाना बना रहे हैं।
पाकिस्तान को हमले को लेकर चेतावनी देते आए चीन का अब उस पर से भरोसा ही उठ गया है। खुद पाकिस्तान की सुरक्षा मामलों की संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। सीनेट डिफेंस कमिटी के चेयरमैन मुशाहिद हुसैन ने कहा, “पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था में चीन का भरोसा खत्म हुआ है कि वह उसके नागरिकों और हितों की रक्षा कर सकेगा।”
हुसैन ने कहा, “बीते कुछ समय में सामने आई आतंकी घटनाओं ने चीन में चिंता पैदा कर दी है। खासकर जिस तरह से हमले हो रहे हैं, यह साफ है कि पाकिस्तान की ओर से सुरक्षा प्रदान किए जाने के वादे महज शब्द बन कर रह गए हैं और जमीन पर कुछ नहीं हो रहा।” उन्होंने कहा, “इससे चीन में गंभीर चिंता और समझ में आने वाला आक्रोश पैदा हुआ है। इससे भी अधिक, हमलों का पैटर्न इतना आवर्ती है और यह स्पष्ट है कि ‘फुलप्रूफ सुरक्षा’ के पाकिस्तानी वादे महज खोखले दावे हैं जो जमीन पर जवाबी कार्रवाई से मेल नहीं खाते हैं।”
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आपको बता दें, कराची यूनिवर्सिटी में हुए हमले के बाद चीनी नागरिकों के पाकिस्तान छोड़ने की तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई थीं। हालांकि, पाकिस्तान ने ऐसी सूचनाओं को खारिज किया था। तो वहीं एक चीनी अधिकारी ने कहा कि जो चीनी नागरिक पाकिस्तान की कराची से फ्लाइट से अपने देश गए हैं, वो एक नियमित ऑपरेशन था। इसी को कुछ लोगों ने चीनी कामगारों के पलायन के तौर पर पेश किया, जो सही नहीं है। अधिकारी ने यह बात भी कही कि यह बात सही है कि पाकिस्तान में रहने वाले चीनी नागरिक अपनी सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं।

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तो वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिजियान झाओ ने कहा कि आतंकवादी संगठन दो देशों के रिश्तों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे सफल नहीं हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष पाकिस्तान के साथ मिलकर पूरी जांच करेगा, सच्चाई का खुलासा करेगा, अपराधियों को सजा दिलाएगा और दोनों देशों के लोगों को समझाएगा। बता दें कि इस अटैक के बाद चीनी दूतावास ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को तलब किया था और इसे लेकर जवाब मांगा था। यही नहीं चीन का कहना था कि यदि आप लोग जांच में सक्षम नहीं हैं तो फिर हम भी उसमें शामिल हो सकते हैं।

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