दरअसल, लोकसभा में साइबर अपराधों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने लिखित जवाब में बताया कि साइबर घटनाओं को ऑनलाइन दर्ज कर सहायता देने के लिए राष्ट्रीय अपराध साइबर अपराध रिपोर्टिंग प्रणाली 30 अगस्त 2019 को शुरू की गई थी। इसके एक भाग के रूप में नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली को विकसित किया गया। सहायता के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1930 शुरू की गई थी। इस प्रणाली से साइबर अपराध पर अंकुश लगाने में सफलता भी मिल रही है। प्रणाली पर साइबर अपराध की करीब 16.72 से अधिक घटनाओं की सूचना मिली, जिनमें से 4 लाख से अधिक घटनाओं में सहायता भी दी गई है।
-साल दर साल बढ़ रहे मामले देश में साइबर अपराध के मामले हर साल बढ़ रहे हैं। गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय अपराध रेकॉर्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों का हवाला दिया है। इसमें बताया गया है कि 2022 में 65 हजार 893 मुकदमें दर्ज किए गए, जो कि पिछले तीन वर्षों में सर्वाधिक है। वहीं दोष सिद्धि, चालान पेश करने और गिरफ्तारी कम अनुपात में हो रही है।
राजस्थान में तेजी से बढ़ रहे राजस्थान उन राज्यों में शुमार है, जहां साइबर अपराध के मामले में तेजी से बढ़ रहे हैं। 2020 में यहां 1354, 2021 में 1504 और 2022 में 1833 मुकदमें दर्ज किए गए। वहीं मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में राजस्थान के मुकाबले यह रफ्तार कम है।
ऐसे बढ़े दर्ज मामले साल कुल दर्ज मामले दोषसिद्धि मामले गिरफ्तारी
2020 50035 1110 18420 2021 52974 491 27374 2022 65893 1118 25794