हमें भी अवैध कब्जाधारी मानकर जारी किए जाएं पट्टे
नीमच. हमारा कहना है कि जब हमारे पास वैध दस्तावेज हैं तो हमसे लाखों रुपए वसूले जा रहे हैं।
बंगला बगीचा के रहवासियों ने प्रदेश शासन और नगरपालिका प्रशासन के खिलाफ प्रमुख मार्गों से वाहन रैली निकाल किया विरोध प्रदर्शन।
हमें भी अवैध कब्जाधारी मान लिया जाए और शासन हमें भी पट्टे जारी करे। मुख्यमंत्री ने अपने भाषणों में एक बार नहीं कई बार कहा है कि जिन लोगों ने शासन की जमीन पर वर्ष २०१४ तक अवैधानिक रूप से कब्जा कर रखा है उन्हें शासन पट्टे जारी करेगा।
्रशासन की खुली लूट से बचने दें पट्टे
यह कहना था बंगला बगीचा क्षेत्रवासियों का। शासन द्वारा बंगला बगीचा समस्या के निराकरण के लिए अपनाई जा रही व्यवस्थापन प्रक्रिया का विरोध करने और रहवासियों द्वारा अपना पक्ष रखने के किए शास्त्री नगर स्थिति बगीचे में बैठक आहूत की गई थी। बैठक में रहवासियों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश स्पष्ट दिखाई दे रहा था। बैठक में स्पष्ट तौर पर कहा गया कि मुख्यमंत्री जब अवैध कब्जाधारियों को २ से ४ फीसदी तक विकाश शुल्क लगाकर पट्टा देने को तैयार हैं तो हमारे पास तो वैध दस्तावेज हैं फिर भी हमें अवैध कब्जाधारी मानकर ही सही पट्टे जारी कर दिए जाएं। कम से कम शासन की इस प्रकार खुली लूट से तो बच जाएंगे।
वैध दस्तावेज फिर क्यों बनेंगे किराएदार
बंगला बगीचा क्षेत्र के रहवासी बैठक में एक बात से सहमत थे कि जिस मुद्दे का वर्षों से विरोध होता आ रहा है अंत में भाजपा नेताओं ने उसे भी लागू कराया। गजट नोटिफिकेशन में भी वो ही सब लिखवा दिया गया। यह सब स्थानीय जनप्रतिनिधियों की लापरवाही की वजह से हुआ है। आज यह भाजपा नेताओं के गले की फांस बन गया है। आईएएस लॉबी ने जो लिख दिया उसी पर जनप्रतिनिधियों ने सहमति व्यक्त कर दी है। इसका खामियाजा वर्षों से बंगला बगीचा क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जनप्रतिनिधियों ने आईएएस लॉबी बातों में आकर क्षेत्र की जनता के साथ विश्वासघात किया है। हर बार चुनाव के समय वोट यह कहकर मांगे जाते रहे हैं कि बंगला बगीचा समस्या हल कर देंगे, लेकिन समस्या इस तरह हल की जाएगी यह पता होता तो किसी कीमत पर भाजपा को वोट नहीं देते। जब हमारे पास रजिस्ट्री और नामांतरण है तो हम कैसे स्वयं को किराए माने।
‘जजिया कर’ की तरह वसूला जा रहा सम्पत्तिकर
बैठक में बंगला बगीचा रहवासियों ने बताया कि वर्ष १९९७ को आधार मानकर बंगला बगीचा क्षेत्रवासियों से सम्पत्ति कर वसूला जा रहा है। यह राशि एकमुश्त ली जा रही है जो कि हजारों रुपए में है। जब समस्या का समाधान आज हो रहा है तो सम्पत्ति कर भी आज से ही वसूला जाना चाहिए। इस प्रकार दबाव बनाकर एकमुश्त राशि लेकर जो ऐसा प्रतीत होता है कि शासन जजिया कर वसूल रहा है। इस प्रकार के काले कानून को हम नहीं मानेंगे। हम सब एकजुट होकर इसका विरोध करेंगे। समस्या समाधान की आड़ लेकर क्षेत्र की जनता को गुमराह किया गया है। समस्या सुलझाने की बजाय उलझाकर रख दी गई है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण यह है कि नपा द्वारा २५०० के करीब फार्म बेचे गए। इसकी तुलना में नाममात्र लोगों ने ही फार्म जमा कराने में रुचि दिखाई है। बैठक को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल चौरसिया, कांग्रेस पार्षद योगेश प्रजापति, महेंद्र मोनू लोक्स, पूर्व पार्षद पुत्र पवन अग्रवाल, अशफाक हुसैन टीनवाला, संजय अरोरा आदि ने भी संबोधित किया।
वाहन रैली निकालकर किया विरोध प्रदर्शन
बैठक समाप्त होने के बाद बंगला बगीचा क्षेत्र के रहवासियों ने शास्त्री नगर से एक वाहन रैली निकाली जो शिवाजी सर्कल, फव्वारा चौक, बारादरी, घंटाघर, पुस्तक बाजार होते हुए विद्युत शिकायत केंद्र पहुंची। रैली में शामिल लोग ‘लीज दें किस बात ही जब मालिक हैं हम आज भी’ सहित प्रदेश शासन, जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे। यहां बंगला बगीचा संघर्ष समिति का गठन किया गया है। इसे पूरी तरह गैर राजनैतिक आधार पर बनाया गया है। समिति की ओर से इस समस्या के निराकरण के लिए जल्द ही माननीय उच्च न्यायालय में जनसहयोग से एक जनहित याचिका लगाने का भी निर्णय लिया गया। समस्या समाधान के लिए आंदोलन की शुरूआत करते हुए २४ अगस्त को सुबह ११.३० बजे विद्युत शिकायत केंद्र पर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय भी लिया गया। इस दौरान राज्यपाल, मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव प्रदेश शासन आदि को संबोधित ज्ञापन भी कलेक्टर को सौंपा जाएगा।
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