केन्द्र सरकार की ओर से एडवोकेट ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट में कहा कि सेना के तीनों धड़ों से बातचीत करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि अब महिलाओं को एनडीए में एंट्री दी जाएगी। सरकार की नई पॉलिसी के अनुसार अब एनडीए और नेशनल नेवल एकेडमी में महिला कैडेट्स का भी चयन किया जाएगा परन्तु इसके लिए अभी फाइनल प्लानिंग होनी बाकी है और इसके लिए थोड़ा समय चाहिए।
अदालत के इस निर्देश पर सरकार ने कहा था कि महिलाओं को एनडीए प्रोग्राम्स में एडमिट करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए थोड़ा समय देने की मांग की थी जिस पर अदालत ने सरकार को दस दिनों का समय दिया था। सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार के जवाब पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सशस्त्र बलों ने खुद ही महिलाओं को एनडीए में शामिल करने का फैसला लिया है, इस पर हमें बहुत खुशी हो रही है।
कोर्ट ने आगे कहा कि सुधार एक-दो दिन में नहीं होते, सरकार इस प्रक्रिया और कार्रवाई की समय सीमा तय करेगी। हम चाहते हैं कि अदालत के हस्तक्षेप का इंतजार करने के बजाय सरकार खुद ही लैंगिक समानता को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को आदेश दिया था कि इस साल होने वाली एनडीए की परीक्षा में छात्राओं को भी शामिल होने दिया जाए, उनका सिलेक्शन होगा या नहीं, इस पर निर्णय बाद में लिया गया।