‘ पीडि़त परिवार का दर्द समझती हूं, बेटे के लिए फांसी भी होगी मंजूर’
झुग्गी के दरवाजे पर मीडिया से बातचीत में मालती रॉय ने कहा, अगर मेरा बेटा दोषी है तो उसे उसके किए की सजा मिलनी चाहिए, भले वह सजा फांसी क्यों न हो। मैं अकेले में रो लूंगी, लेकिन उसकी सजा को नियति मानकर स्वीकार करूंगी। यह पूछने पर कि क्या वह अदालती सुनवाई के दौरान या थाने में रॉय से मिली थीं, उन्होंने कहा, नहीं, मैं क्यों जाऊंगी? अगर आरोप झूठे पाए जाते तो खराब स्वास्थ्य के बावजूद उससे मिलने की कोशिश करती।
बहन बोली, भाई ने जो किया भयानक
संजय रॉय की बहन सबिता ने कहा, मेरे भाई ने जो किया, वह अविश्वसनीय और भयानक है। यह कहते हुए मेरा दिल टूट रहा है, लेकिन अगर उसने अपराध किया है तो उसे सबसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए। पीडि़ता महिला थी और डॉक्टर भी। मलती रॉय और सबिता न्यायिक हिरासत के दौरान कभी संजय से मिलने नहीं गईं। फैसले को चुनौती नहीं
तीन बहनों के भाई संजय की एक बहन की कई साल पहले मौत हो चुकी है। संजय की बड़ी बहन सबिता ने कहा कि परिवार की किसी भी अदालत में फैसले को चुनौती देने की योजना नहीं है। जब पूछा गया कि क्या वह भी संजय को दोषी मानती हैं तो उन्होंने कहा, कृपया हमें अकेला छोड़ दीजिए। हम टूट चुके हैं।