साइबर स्कैमरों ने ठगे 11 करोड़
ठगों ने जांच के नाम पर आधार नंबर, पैन कॉर्ड जैसी कई व्यक्तिगत जानकारी हासिल कर ली। मनी लॉन्डिंग से नाम हटाने की एवज में नौ बैंक खातों में 11 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवाए। पीडि़त को बाद में ठगी का पता चला तो साइबर पुलिस में शिकायत की।
रकम से खरीदा सोना
पुलिस जांच में पता चला कि प्रयागराज के एक खाते में 7.5 करोड़ रुपए ट्रांसफर कराए गए थे। सूरत के एक आरोपी धवल शाह ने पैसे का इस्तेमाल सोना खरीदने के लिए किया। शाह ने यह काम दुबई के एक जालसाल के निर्देश पर किया। इसके लिए 1.5 करोड़ रुपए का कमीशन मिला था। उसने सोना अज्ञात व्यक्ति को सौंप दिया था। पुलिस ने तीन आरोपियों तरुण नटानी, करण और धवल शाह को गिरफ्तार किया है। इनके खिलाफ आइटी एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत कार्रवाई की जा रही है। सावधान रहने के तरीके
अनजान कॉल्स से बचें: यदि आपको किसी अनजान व्यक्ति से वीडियो कॉल आती है, तो उसे स्वीकार न करें। पहले उसकी पहचान की पुष्टि करें।
व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: वीडियो कॉल पर कभी भी अपने बैंक खाते, आधार, पैन कार्ड, पासवर्ड या किसी अन्य संवेदनशील जानकारी को साझा न करें।
फर्जी प्रोफाइल की पहचान करें: सोशल मीडिया या अन्य प्लेटफार्मों पर जुड़े लोगों की प्रोफाइल की जांच करें। फर्जी प्रोफाइल अक्सर अधूरी जानकारी और अनवेरिफाइड अकाउंट होते हैं। प्रोफेशनल और व्यक्तिगत सीमाएं रखें: किसी भी ऑनलाइन इंटरैक्शन में प्रोफेशनल और व्यक्तिगत सीमाओं का पालन करें। यह आपके व्यक्तिगत जीवन की गोपनीयता और सुरक्षा को बनाए रखने में मदद करेगा।
वीडियो कॉल के लिए सुरक्षित प्लेटफॉर्म का उपयोग करें: केवल उन प्लेटफार्मों का उपयोग करें जो सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड हैं, और जहां आपको कॉल करने वाले व्यक्ति की पहचान पर भरोसा है। ब्लैकमेल से न घबराएं: यदि कोई आपको ब्लैकमेल करता है, तो घबराएं नहीं। तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें और उन्हें सूचित करें।