राष्ट्रीय

Indian Army और ITBP की मदद से चीन की सीमा पर होगा हिमनद झीलों का GLOF सर्वेक्षण

Glacial Lake Outburst Flood- GLOF : अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में सर्वेक्षण कर रही है, जो चीन सीमा के साथ पूर्वी हिमालय के दो महत्त्वपूर्ण क्षेत्र हैं। हिमनद विशेषज्ञ 28 अगस्त से 14 सितंबर तक 32 लाख रुपए की अनुमानित लागत से झीलों का सर्वेक्षण करेंगे।

नई दिल्लीAug 31, 2024 / 12:02 pm

Anand Mani Tripathi

ग्लेशियर झीलों के फटने (Glacial Lake Outburst Flood- GLOF) से होने वाली बाढ़ को रोकने के लिए राष्ट्रीय सर्वेक्षण के एक हिस्से के रूप में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority- NDMA)  ने देश में सभी ग्लेशियर झीलों का मानचित्रण करने और पूर्व चेतावनी सेंसर और अन्य उपायों की व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए पूर्वी हिमालय का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। एजेंसी अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में सर्वेक्षण कर रही है, जो चीन सीमा के साथ पूर्वी हिमालय के दो महत्त्वपूर्ण क्षेत्र हैं। हिमनद विशेषज्ञ 28 अगस्त से 14 सितंबर तक 32 लाख रुपए की अनुमानित लागत से झीलों का सर्वेक्षण करेंगे।

छह उच्च जोखिम वाली ग्लेशियर झीलों के लिए दल रवाना

अरुणाचल के तवांग और दिबांग घाटी जिलों में छह उच्च जोखिम वाली ग्लेशियर झीलों पर सर्वे और स्टडी करने के लिए विशेषज्ञ दल रवाना हो गए हैं। इस क्षेत्र की चीन के साथ 1,080 किमी लंबी सीमा है। यह सीमावर्ती राज्य में ग्लेशियर झीलों का ऐसा पहला सर्वेक्षण भी है।

तवांग में झील फटने से बह गए पांच से अधिक पुल

तवांग जिले में सांगंगा नेहगु झील से एक ग्लेशियर झील के फटने के कारण पांच से अधिक पुलों के बह जाने की खबरें हैं। सिक्किम ने भी खतरे में पड़ी पांच हिमनद झीलों गुरुडोंगमार ए, बी और सी, साखो चू और खांगचू की ओर 32 विशेषज्ञों का एक दल भेजा है, यह सभी तिब्बत की सीमा से लगे मंगन जिले में स्थित हैं।
GOLF
घेपांग घाट हिमनदीय झील क्षेत्र में दीर्घकालिक परिवर्तन

सेना और ITBP भी करेगी मदद

अभियान में सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) भी मदद करेंगे, ड्राइवरों और कुलियों सहित 56 व्यक्तियों का सामूहिक कार्यबल होगा। पिछला अभियान एनडीएमए और स्विट्जरलैंड के विशेषज्ञों द्वारा सिक्किम के दक्षिण ल्होनक में 2023 में होने वाले झील विस्फोट से पहले किया गया था।

18 हजार फीट पर होगा GLOF अध्ययन

सिक्किम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव संदीप तांबे ने बताया कि वह ग्लेशियर झील के भूविज्ञान, ढलान की स्थिरता और हिमस्खलन आदि की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्टडी करेंगे। बाद में शमन की योजनाएं बनाएंगे।

Hindi News / National News / Indian Army और ITBP की मदद से चीन की सीमा पर होगा हिमनद झीलों का GLOF सर्वेक्षण

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.