समुद्री निगरानी और टोही के लिए किया गया डिजाइन
इजराइली फर्म एल्बिट सिस्टम्स के हर्मीस 900 स्टारलाइनर पर आधारित दृष्टि 10 स्टारलाइनर को समुद्री निगरानी और टोही के लिए डिजाइन किया गया है। यह ड्रोन मध्यम ऊंचाई और लंबे समय तक टिकने वाला है। सूत्रों ने कहा कि परिचालन परीक्षणों से गुजरने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने वाले ड्रोन को निर्माता द्वारा संचालित किया गया था और उसे बरामद कर लिया गया है।
ड्रोन क्रैश के कारणों की जांच जारी
दुर्घटना ने दृष्टि 10 की परिचालन विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्टों से पता चलता है कि खराबी के सटीक कारण का पता लगाने के लिए जांच जारी है, प्रारंभिक आकलन संभावित तकनीकी समस्याओं की ओर इशारा करते हैं।
दृष्टि 10 की लागत 120 से 145 करोड़ रुपए
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसकी लागत 120 करोड़ से 145 करोड़ रुपए बताई जा रही है। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 120 करोड़ रुपये की लागत वाले इस ड्रोन अभी तक नौसेना को डिलीवरी नहीं मिली है। एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक सिस्टम की कीमत लगभग 145 करोड़ रुपए बताई गई है।
सेना और नौसेना ने दिया 4 ड्रोन का ऑर्डर
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में सेना और नौसेना ने आपातकालीन खरीद प्रावधानों के तहत दो-दो ड्रोन का ऑर्डर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, पहला दृष्टि-10 पिछले साल जनवरी 2024 में नौसेना को दिया गया था, जबकि सेना को यह जून 2024 में मिला था। रिपोर्ट में कहा गया है कि सोमवार को दुर्घटनाग्रस्त हुआ दृष्टि 10 भारतीय नौसेना के लिए था। जानिए दृष्टि 10 स्टारलाइनर ड्रोन की खासियत
दृष्टि 10 स्टारलाइनर ड्रोन एक मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) है। इसका निर्माण अदानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस द्वारा किया गया था। इसको इजरायली रक्षा फर्म एल्बिट सिस्टम्स से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ हैदराबाद की सुविधा में बनाया गया था।
सभी मौसमों में काम करने वाला, मध्यम ऊंचाई वाला, लंबे समय तक टिकने वाला ड्रोन एक उन्नत खुफिया, निगरानी और टोही (ISR) प्लेटफॉर्म है। यह ड्रोन 450 किलोग्राम पेलोड के साथ 30,000 फीट की ऊंचाई पर 36 घंटे उड़ने में सक्षम है।
यह STANAG 4671 प्रमाणन वाला एकमात्र मानव रहित सैन्य प्लेटफॉर्म है। दृष्टि 10 (स्टारलाइनर) क्षितिज से परे लगातार मल्टी-पेलोड, पूरी तरह से स्वायत्त क्षमता और सैटकॉम-आधारित संचालन है। पेलोड में इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड सेंसर, हाइपरस्पेक्ट्रल सेंसर आदि शामिल है।