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कब.. कहां.. कैसे और क्यों भरें ITR? जानें इनकम टैक्स के बारे में A to Z सबकुछ

When Where How and Why to fill income tax Return: फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 है।

नई दिल्लीJul 18, 2024 / 10:21 am

Anish Shekhar

When Where How and Why to fill income tax Return: आयकर नियमों और विनियमों के अनुसार, भारत के हर नागरिक को अपनी आय पर सरकार को टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। यह कर देश के विकास और बुनियादी सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। चाहे आप वेतनभोगी हों, व्यवसायी, या पेंशनभोगी, सभी को अपनी आय का एक हिस्सा कर के रूप में देना जरूरी है। इससे सरकार को आवश्यक वित्तीय संसाधन मिलते हैं जो देश की तरक्की और कल्याण में मदद करते हैं। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 है। अगर आप भी वेतनभोगी हैं और आप आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक टैक्स स्लैब में आते हैं तो 31 जुलाई से पहले-पहले अपना आईटीआर जरूर फाइल कर लें।

ITR क्या है?

इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर एक ऐसा फॉर्म है जिसमें एक व्यक्ति अपनी इनकम और उस पर लगने वाले टैक्स की जानकारी भरता है। इसके जरिए एक व्यक्ति सरकार को किसी भी फाइनेंशियल ईयर (जैसे 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक) की अपनी कमाई का विवरण और उस पर लगाए गए टैक्स का भुगतान करता हैं। इसमे सैलरी के जरिए हुई कमाई, किसी बिजनेस या प्रोफेशन के जरिए की गई इनकम, हाउस प्रॉपर्टी के जरिए इनकम, कैपिटल गेन्स के जरिए की कमाई, लॉटरी, रॉयल्टी इनकम, डिविडेंड, डिपॉजिट पर ब्याज आदि से की गई कमाई इसके दायरे में आते है।
ITR

कितने प्रकार के ITR फॉर्म होते हैं?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार 7 प्रकार के आईटीआर फॉर्म होते हैं। ITR-1, ITR-2, ITR-3, ITR-4, ITR-5, ITR-6, ITR-7। किसी व्यक्ति को कौन सा फॉर्म भरना होगा यह इनकम और उसके नेचर पर निर्भर करेगा।
1.ITR-1 या सहज: यह उन लोगों के लिए है जिनकी सालाना कमाई 50 लाख रुपये से कम है। यह वेतनभोगी व्यक्ति, पेंशनभोगी, एक ही घर या प्रॉपर्टी से कमाई करने वाले या और कोई अन्य स्रोत से सीमित कमाई करने वाले व्यक्तियों के लिए है। इसमे एक से ज्‍यादा हाउस प्रॉपर्टी से कमाई, कैपिटल गेन करने वाले, बिजनेस या अनलिस्‍टेड कंपनियों में निवेश, बिजनेसमैन, HNI इन्‍वेस्‍टर्स और किसी कंपनी का डायरेक्टर एस फॉर्म को नही भर सकता है।
2.ITR-2:जिनकी कमाई 50 लाख रुपये से ज्यादा है वह इस फार्म को भर सकते है। जिनकी आय वेतन, पेंशन, एक से अधिक घरों की संपत्ति से, या पूंजीगत लाभ से होती है, लेकिन व्यापार या पेशे से नहीं, वे इसका उपयोग कर सकते हैं।
3. ITR-3: इस फार्म को वह व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) भर सकते है, जो व्यापार या पेशे से आय अर्जित करते हैं। आईटीआर 2 में बताई गई कमाई भी इसमें शामिल है। इसके अलावा, अनलिस्‍टेड कंपनियों के शेयरों से कमाई करने वाले भी यह फॉर्म भर सकते है। साथ ही सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन्स, हॉर्स रेसिंग, लॉटरी आदि से कमाई होती हो तो आईटीआर फॉर्म -3 भरा जा सकता है।
4.ITR-4 या सुगम: यह फॉर्म उन छोटे व्यवसायियों और पेशेवरों के लिए है जो अपनी आय को अनुमानित रूप से दिखाते हैं, यानी जिनकी आय का हिसाब-किताब सरल रखा जाता है। उन्हें अपनी वास्तविक आय का विवरण नहीं देना पड़ता, बल्कि सरकार द्वारा निर्धारित एक अनुमानित दर के आधार पर आय दिखा सकते हैं। यह प्रक्रिया उन्हें टैक्स फाइलिंग में आसानी देती है।
5.ITR-5:फर्में, लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी), एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स (एओपी), और बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स (बीओआई) जैसी संस्थाओं को ITR-5 फॉर्म भरना होता है। ये फॉर्म उन सभी व्यापारिक और पेशेवर संगठनों के लिए है जो व्यक्ति या एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) नहीं हैं। यह फॉर्म उनकी आय और करों का विवरण प्रस्तुत करने के लिए आवश्यक है।
6.ITR-6:कंपनियाँ जो धारा 11 के तहत कर छूट नहीं लेती हैं, उन्हें ITR-6 फॉर्म भरना होता है। इस फॉर्म का उपयोग करने वाली कंपनियाँ आमतौर पर लाभ कमाने वाली होती हैं और उन्हें अपने व्यापार से संबंधित सभी आय का विवरण देना होता है। यह फॉर्म उन्हें अपनी वार्षिक आय और कर देनदारी की जानकारी सरकार को देने में मदद करता है।
7.ITR-7:धारा 139(4A), 139(4B), 139(4C), या 139(4D) के तहत दाखिल होने वाले ट्रस्ट, धर्मार्थ संस्थान, और शैक्षणिक संस्थान ITR-7 फॉर्म का उपयोग करते हैं। यह फॉर्म उन संगठनों के लिए है जो विशेष उद्देश्यों के लिए कर छूट का दावा करते हैं, जैसे कि धार्मिक कार्य, सामाजिक कल्याण, या शिक्षा प्रदान करना।

क्या ITR दाखिल करना जरुरी है?

भारत में निर्धारित कर कानूनों के अनुसार, आईटीआर दाखिल करना उन सभी लोगों के लिए अनिवार्य है जिनकी आय निर्धारित सीमा से अधिक है। इसके अलावा, अगर आपकी आय कर योग्य है या आपने कोई निवेश या लेन-देन किया है, तो भी ITR भरना जरूरी हो सकता है। आयकर दर पहले से तय होती है। देर से फाइलिंग पर जुर्माना तो लगेगा ही, साथ ही इससे आपको लोन या वीजा मिलने में भी दिक्कत हो सकती है।

कौन-कौन आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने के लिए बाध्य हैं?

1.व्यक्त

आयकर नियमों और विनियमों के अनुसार, भारत के हर नागरिक को अपनी आय पर सरकार को कर का भुगतान करना पड़ता है। यह कर देश के विकास और बुनियादी सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। चाहे आप वेतनभोगी हों, व्यवसायी, या पेंशनभोगी, सभी को अपनी आय का एक हिस्सा कर के रूप में देना जरूरी है। इससे सरकार को आवश्यक वित्तीय संसाधन मिलते हैं जो देश की तरक्की और कल्याण में मदद करते हैं। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 है। अगर आप भी वेतनभोगी हैं और आप आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक टैक्स स्लैब में आते हैं तो 31 जुलाई से पहले-पहले अपना आईटीआर जरूर फाइल कर लें।

ITR क्या है?

इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर एक ऐसा फॉर्म है जिसमें एक व्यक्ति अपनी इनकम और उस पर लगने वाले टैक्स की जानकारी भरता है। इसके जरिए एक व्यक्ति सरकार को किसी भी फाइनेंशियल ईयर (जैसे 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक) की अपनी कमाई का विवरण और उस पर लगाए गए टैक्स का भुगतान करता हैं। इसमे सैलरी के जरिए हुई कमाई, किसी बिजनेस या प्रोफेशन के जरिए की गई इनकम, हाउस प्रॉपर्टी के जरिए इनकम, कैपिटल गेन्स के जरिए की कमाई, लॉटरी, रॉयल्टी इनकम, डिविडेंड, डिपॉजिट पर ब्याज आदि से की गई कमाई इसके दायरे में आते है।

क्या ITR दाखिल करना जरुरी है?

भारत में निर्धारित कर कानूनों के अनुसार, आईटीआर दाखिल करना उन सभी लोगों के लिए अनिवार्य है जिनकी आय निर्धारित सीमा से अधिक है। इसके अलावा, अगर आपकी आय कर योग्य है या आपने कोई निवेश या लेन-देन किया है, तो भी ITR भरना जरूरी हो सकता है। आयकर दर पहले से तय होती है। देर से फाइलिंग पर जुर्माना तो लगेगा ही, साथ ही इससे आपको लोन या वीजा मिलने में भी दिक्कत हो सकती है।

कौन-कौन आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने के लिए बाध्य हैं?

1.व्यक्ति (उम्र 59 साल तक): जिनकी कुल आय एक वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रुपये से अधिक है।
2.
वरिष्ठ नागरिक (उम्र 60-79 साल): जिनकी कुल आय 3 लाख रुपये से अधिक है।
3.
अति वरिष्ठ नागरिक (उम्र 80 साल और उससे अधिक): जिनकी कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक है।

4.

सभी पंजीकृत कंपनियां: जिनका आय हो, चाहे उन्होंने वर्ष के दौरान कोई मुनाफा कमाया हो या नहीं।

5.जो लोग रिफंड क्लेम करना चाहते हैं: यदि आपने आयकर या TDS में अधिक भुगतान किया है और इसे वापस पाना चाहते हैं।
6.जो लोग विदेश में संपत्ति या वित्तीय रुचि रखते हैं: यदि आपके पास विदेश में संपत्ति या वित्तीय हिस्सेदारी है।
7.विदेशी कंपनियां: जो भारत में लेन-देन पर संधि के लाभ उठाती हैं।

8.एनआरआई (गैर-निवासी भारतीय): जिनकी एक वित्तीय वर्ष में भारत में आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है।

ये टैक्स के दायरे से बाहर हैं:

1- यदि कोई व्यक्ति 60 वर्षों से कम आयु का है और उसकी साल की इनकम 2.5 लाख रुपये है तो कोई टैक्स नहीं देना होगा। इससे लिमिट से अधिक वाले व्यक्ति को आईटीआर फाइल करना होगा।
2- यदि कोई व्यक्ति 60 साल से अधिक है और 80 साल से कम आयु है और सालाना इनकम 3 लाख है तो भी व्यक्ति को टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाएगा।
3- इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति 80 वर्ष से अधिक का है और उसकी सालाना इनकम 5 लाख है तो उसे भी टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाएगा।

ITR कैसे फाइल करें?

ऑनलाइन भरें आईटीआर:
1.इनकम टैक्स रिटर्न को ऑनलाइन फाइल करने के लिए सबसे पहले आप को आयकर विभाग की आधिकारिक इनकम टैक्स इ-फाइलिंग वेबसाइट पर जाना होगा।

2.इसके बाद आपको अपना पैन नंबर और पासवर्ड डालकर लॉगइन करना होगा। लॉगइन के बाद आपको दो ऑप्शन मिलेंगे, पहला – असेसमेंट ईयर और दूसरा फाइनेंशियल ईयर। इसके बाद आपको अगर वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए आईटीआर फाइल करना है तो फाइनेंशियल ईयर का ऑप्शन चुनें। अगर आपको साल 2024-25 के लिए आईटीआर फाइल करना है तो असेसमेंट ईयर का आप्शन चुनें।
3. इसके बाद आपको Individual, HUF या अन्य का विकल्प दिया जाएगा, इसमें आपको Individual सेलेक्ट करना है।

4. अगले स्टेप में इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म का चुनाव करना पड़ेगा। बता दें कि आईटीआर फॉर्म 1 से 4 तक Individual, HUF के लिए होते हैं। आपको जिस फॉर्म की जरूरत हो आप सेलेक्ट कर सकते हैं।
5.इसके बाद आपको कई तरह के विकल्प मिलेंगे। इसमें बेसिक छूट, टैक्सेबल इनकम के जानकारी को भरनी होगी और आगे बॉक्स में टिक का निशान लगाना होगा।

6.इसके बाद पहली दी गई जानकारी को अपडेट करना होगा, इसमें आपका नाम, मोबाइल नंबर, आधार संख्या, जन्मतिथि जैसी निजी जानकारी होंगी।
7.आगे आपको अपनी कमाई, कर और कटौती के बारे में पूरी जानकारी देनी पड़ेगी।
8.इसके बाद आपका आईटीआर कंफर्म होगा। आप उसका प्रिंटआउट निकलवा लिजिए। एक हार्डकॉपी आप अपने पास रखिए और एक कॉपी वेरिफिकेशन के लिए आयकर विभाग को भेजें। अगर आपका कोई टैक्स बचता है तो आपको उसका भुगतान करना पड़ेगा।
9.फॉम सबमिट करने के बाद, ई-वेरिफिकेशन करना ना भूलें।
ऑफलाइन:
1.उपयुक्त आईटीआर फॉर्म आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड करें।

2.इसे प्रिंट करके भरें और आयकर विभाग के कार्यालय में जमा करें।

3.जमा करने के बाद, आपको एक रसीद मिलेगी जो आपको सुरक्षित रखनी होगी।
ई-वेरिफिकेशन क्यों है महत्वपूर्ण?

ई-वेरिफिकेशन के बिना, आईटीआर फाइलिंग प्रोसेस अधूरा माना जाता है। इसे ऑनलाइन OTP या आधार आधारित ई-वेरिफिकेशन से पूरा किया जा सकता है।

आईटीआर फाइल करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़

1.पैन कार्ड और आधार कार्ड।
2. बैंक स्टेटमेंट और पासबुक।
3. फॉर्म 16 (यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है जो नियोक्ता द्वारा वेतनभोगी कर्मचारियों को जारी किया जाता है। यह फॉर्म आयकर अधिनियम के तहत एक प्रमाण पत्र है जो यह बताता है कि वेतनभोगी व्यक्ति की आय से कितना टैक्स काटा गया है और इसे सरकार को जमा किया गया है।)।
4.निवेश के प्रमाण पत्र (एलआईसी, पीपीएफ आदि)।

5.प्रॉपर्टी की जानकारी (यदि कोई है)।

6.कैपिटल गेन की जानकारी (यदि शेयर या संपत्ति बेची है)।

ITR स्थिति ऑनलाइन कैसे चेक करें?

1.आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगिन करें।
2.”आयकर रिटर्न स्थिति” विकल्प चुनें।
3.अपना पैन नंबर और वित्तीय वर्ष दर्ज करें।
4.सबमिट पर क्लिक करें और अपनी रिटर्न स्थिति देखें।

ITR फॉर्म कैसे डाउनलोड करें?

1.आधिकारिक वेबसाइट पर जीएं।
2.आयकर रिर्टन/ फॉर्म पर क्लिक करें।
3.”डाउनलोड्स” सेक्शन में जाएं।

4.उचित ITR फॉर्म चुनें और डाउनलोड करें।
5.डाउनलोड किए गए दस्तावेज़ को खोलने के लिए, अपना पासवर्ड दर्ज करें। पासवर्ड आपकी जन्मतिथि के साथ निचले अक्षरों में आपका पैन नंबर है।

आईटीआर फाइल करने के फायदे

1.रिफंड प्राप्त करें: अगर आपका TDS कट गया है तो रिफंड के लिए ITR फाइल करना जरूरी है।

2.ऋण प्राप्ति: बैंक लोन के लिए आवेदन करते समय ITR की आवश्यकता होती है।
3.वीजा प्राप्ति: विदेश यात्रा के लिए वीजा प्रोसेसिंग में ITR की मांग की जाती है।

4.भविष्य की बचत: भविष्य में किसी कानूनी मामले में आपकी आय का प्रमाण हो सकता है।

आईटीआर दाखिल करने की नियत तारीख
करदाता की श्रेणी कर दाखिल करने की नियत तिथि –
 ( वित्तीय वर्ष 2023-24)

व्यक्तिगत/एचयूएफ/एओपी/बीओआई 31 जुलाई 2024
(जहां ऑडिट की आवश्यकता नहीं है)

व्यवसाय 31 अक्टूबर 2024
(ऑडिट की आवश्यकता)

व्यवसाय जिन्हें ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट की जरुरत होती है 30 नवंबर 2024
रिवाइज्ड रिटर्न 31 दिसंबर 2024

देर से वापसी 31 दिसंबर 2024

देर से फाइलिंग पर लग सकती है भारी पेनल्टी

यदि आप अपनी आयकर रिटर्न (ITR) समय पर नहीं भरते हैं, तो आपको दंड का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, अगर आप लगातार समयसीमा चूकते रहे हैं, तो आयकर विभाग आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है। इसलिए, आयकर फाइलिंग को गंभीरता से लें और समय पर पूरा करें।
अंतिम तिथि: वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 है।

पेनल्टी:

-यदि आप 31 जुलाई के बाद और 31 दिसंबर 2024 तक रिटर्न फाइल करते हैं और अपकी कमाई 5 लाख रुपये से अधिक है, तो आपको 5,000 रुपये तक का दंड भरना पड़ सकता है।

यदि आपकी कुल आय 5 लाख रुपये से कम है, तो यह पेनल्टी 1,000 रुपये तक हो सकती है।
-अगर आप 31 दिसंबर के बाद फाइल करते हैं, तो यह दंड और अधिक हो सकता है और अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।

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