कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता वाली समिति ने मंगलवार को संसद में 2024-25 के अनुदान मांगों पर अपनी रिपोर्ट पेश की। समिति ने कहा कि कृषि मजदूरों की भूमिका को भी पहचानते हुए कृषि और किसान कल्याण विभाग का नाम बदलकर कृषि, किसान और कृषि मजदूर कल्याण विभाग किया जाना चाहिए। किसानों को दिए जाने वाले मौसमी प्रोत्साहन का लाभ बटाईदार किसानों और कृषि मजदूरों को भी दिए जाने की सिफारिश की गई। छोटे किसानों के लिए अनिवार्य फसल बीमा की सिफारिश की गई है। समिति ने कहा कि दो हेक्टेयर तक की भूमि वाले किसानों को केंद्र की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की तर्ज पर फसल बीमा का लाभ मिलना चाहिए। कृषि मजदूरों के लिए राष्ट्रीय न्यूनतम जीवनयापन वेतन आयोग जल्द स्थापित किया जाए, ताकि उन्हें लंबित अधिकार मिल सकें।
MSP को कानूनी दर्जा देने की जरूरत
रिपोर्ट में कहा गया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का सही तरीके से लागू होना कृषि सुधार और किसानों के कल्याण के लिए बेहद जरूरी है। समिति ने सुझाव दिया कि कानूनी रूप से बाध्यकारी एमएसपी लागू किया जाना चाहिए, ताकि किसानों को आर्थिक स्थिरता मिल सके। समिति ने किसानों और कृषि मजदूरों के लिए कर्ज माफी योजना शुरू करने के साथ कृषि और किसान कल्याण विभाग का बजट बढ़ाने की सिफारिश की।