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इंसाफ के लिए अब नहीं करना होगा तारीख पर तारीख का इंतजार, SC ने जल्द फैसला करने का दिया निर्देश

Supreme Court issued 12 point guidelines: जस्टिस रवींद्र एस भट और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने विस्तृत फैसले में निचली अदालतों में प्रक्रियागत एवं हाईकोर्ट को मॉनिटरिंग संबंधी 12 बिंदुओं के दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

Oct 22, 2023 / 08:59 am

Prashant Tiwari

 Supreme Court directed to decision the case soon

 

सुप्रीम कोर्ट ने जारी की 12 सूत्री गाइडलाइननई दिल्ली. मामले निपटाने में देरी से न्याय प्रणाली में भरोसा उठने के डर से चिंतित सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालताें में मुकदमों के शीघ्र निस्तारण के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों पर अमल हुआ तो अब अदालतों में तारीख पर तारीख पड़ने की व्यवस्था से राहत मिल सकती है।

जस्टिस रवींद्र एस भट और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने विस्तृत फैसले में निचली अदालतों में प्रक्रियागत एवं हाईकोर्ट को मॉनिटरिंग संबंधी 12 बिंदुओं के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि दिशा निर्देशों पर अमल के भविष्य में और निर्देश जारी किए जाएंगे।

ये दिए प्रमुख दिशा-निर्देश

– मुकदमे की तारीखें दोनों पक्षों के वकीलों से चर्चा कर तय की जाएगी। एक बार तारीख तय होने पर यथासंभव दिन-प्रतिदिन सुनवाई होगी।

– निचली अदालतों के जज डायरी संधारित करेंगे और एक दिन में उतने ही मामले सूचीबद्ध करें जितने सुने जा सकें। इससे अनावश्यक स्थगन और पक्षकारों की परेशानी से बचा जा सके।
– समन तामील समयबद्ध तरीके से कराने पर नजर रखेंगी, जिला न्यायाधीश आंकड़े एकत्र कर मॉनिटरिंग करेंगे।

– लिखित बयान आदेश निर्धारित 30 दिन की सीमा में हो। देरी होने पर कारण रेकॉर्ड पर दर्ज हो।
– विवाद के दायरे को सीमित रखने के लिए बार एसोसिएशन से चर्चा कर जागरुकता बढ़ाई जाएगी।

– एक बार ट्रायल शुरू होने के बाद नियमित सुनवाई हो।

– मुकदमे में देरी के लिए स्थगन नहीं दिया जाए, पार्टी की मांग पर अनावश्यक स्थगन हो तो दूसरे पक्षकार को मुआवजा मिले।
– मुकदमे के समापन पर मौखिक दलीलें तत्काल व लगातार सुनकर फैसला सुनाया जाए।

– पांच साल से पुराने लंबित मुकदमों की संख्या हर माह मजिस्ट्रेट जिला न्यायाधीश को भेजेंगे और जिला न्यायाधीश हाई कोर्ट की समीक्षा कमेटी को भेजेंगे।

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