Healthline.com के मुताबिक सर्पदंश ( Snake Bite ) की घटना होने पर जितनी जल्दी हो सके मरीज को इमरजेंसी ट्रीटमेंट के लिए अस्पताल ( Hospital ) में भर्ती कराएं। ताकि अस्पताल के चिकित्सक सांप काटने के लक्षणों के आधार पर पीड़ित व्यक्ति का प्रभावी इलाज कर सकें। कुछ मामलों में जहरीले सांप के काटने से जान को खतरा नहीं होता है। इसके बावजूद सांप के काटने के स्थान की गंभीरता, पीड़ित व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य पर ट्रीटमेंट होता है। यदि सर्पदंश गंभीर नहीं है, तो डॉक्टर घाव को साफ कर सकते हैं और पीड़ित को टिटनेस का टीका लगा देते हैं।
लेकिन मरीज की स्थिति गंभीर है तो डॉक्टर एंटीवेनम दे सकता है। यह सांप के काटने के लक्षणों का मुकाबला करने के लिए सांप के जहर से बनाया गया पदार्थ है। इसे पीड़ित में इंजेक्ट किया जाता है। जितनी जल्दी एंटीवेनम का इस्तेमाल किया जाएगा, वह उतना ही ज्यादा असरदार होगा और रिकवर करेगा।
Snake Bite Treatment: प्राथमिक उपचार इस तरह की घटना होने पर सबसे पहले सांप काटने का समय नोट करें। शांति बनाए रखें। मरीज का चलने न दें। ऐसा करने पर मरीज के शरीर में विष तेजी से फैल सकता है।
शरीर से तंग कपड़ों या गहनों को हटा दें। ऐसा इसलिए कि सांप काटने के आसपास का क्षेत्र सूज जाएगा। पीड़ित को वाहन से अस्पताल ले जाएं। सांप को न मारें और न ही संभालें। यदि आप कर सकते हैं तो एक तस्वीर लें।
Snake Bite Treatment: भ्रांतियों से बचें देश कई हिस्सों में सांप के काटने को लेकर कई पुरानी प्राथमिक चिकित्सा तकनीकें भी चलन में हैं। मेडिकल साइंस में इसे हानिकारक माना जाता है। सर्पदंश वाले स्थान के असपास मुंह से जहर निकालने की कोशिश न करें। जब तक डॉक्टर द्वारा न कहा किया जाए तब तक व्यक्ति को कोई दवा न दें।सर्पदंश के हिस्से को पीड़ित के दिल से ऊपर न उठाएं। पंप सक्शन डिवाइस का उपयोग न करें।
वन विभाग ने मनीष को संविदा पर रखा था पाली के शेखावत नगर निवासी सर्प विशेषज्ञ मनीष वैष्णव पुत्र विजयदास को 11 अगस्त को कोबरा सांप ने काट लिया था। सांप काटने की वजह से मनीष की मौत हो गई। मौत से पहले उसने कोबरा सांप को पकडकऱ छोड़ते हुए का सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल किया था। इसमें मनीष ने संदेश दिया था कि आमजन सांप को पकडऩे की गलती न करें। किसी को सांप काट ले तो तुरंत अस्पताल लेकर जाएं। 19 वर्षीय मनीष वैष्णव सांप पकडऩे का एक्सपर्ट था, उसके इस हुनर को देखते हुए वन विभाग ने संविदा पर भी उसे रखा था।