राकेश झुनझुनवाला के पिता इनकम टैक्स ऑफिसर थे। इसके साथ ही उन्हें शेयर मार्केट में भी काफी इंटरेस्ट था इसलिए इनके पिता अपने दोस्तों के साथ शेयर मार्केट के बारे में बातें करते थे। ऐसे में छोटी उम्र में ही राकेश में शेयर बाजार को लेकर रूचि बढ़ी। सीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद राकेश झुनझुनवाला ने अपने पिता से कहा कि मुझे शेयर मार्केट में निवेश करना है। तब राकेश के पिता ने उन्हें पैसे देने से मना कर दिया और कहां कि Share Market के लिए मैं तुमको पैसे नहीं दूंगा। उसके पिता ने यह भी कहा कि तुम शेयर बाजार के लिए अपने दोस्तों से भी पैसे नहीं लोगे, लेकिन राकेश झुनझुनवाला अपनी जिद पर अड़े रहे। उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी जमा पूंजी के 5,000 रुपए से साथ शेयर बाजार में निवेश करना शुरू किया और फिर शेयर मार्केट में भारतीय वॉरेन बॉफेट की पहचान बनाई।
राकेश झुनझुनवाला को “बिग बुल ऑफ इंडिया” और “किंग ऑफ बुल मार्केट” के नाम से भी जाना जाता था। उनके पोर्टफोलियों को छोटे निवेशक से लेकर बड़े निवेशक तक फॉलो करते थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राकेश झुनझुनवाला ने निधन पर दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट करके कहा कि राकेश झुनझुनवाला अदम्य थे। जीवन से भरपूर, मजाकिया और व्यावहारिक, वह अपने पीछे वित्तीय दुनिया में एक अमिट योगदान छोड़ गए हैं। वह भारत की प्रगति के प्रति भी बहुत भावुक थे, उनका जाना दुखद है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।