पश्चिम रेलवे की विज्ञप्ति में कहा गया है, “शेरों सहित वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए भावनगर डिवीजन द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। निर्देशानुसार, इस मार्ग पर लोको पायलट सतर्क रहते हैं और निर्धारित गति सीमा के अनुसार ही ट्रेनें चलाते हैं।” मीना द्वारा सूर्योदय से पहले टॉर्च की रोशनी में लिए गए वीडियो में शेरों को पटरियों के किनारे चलते हुए और फिर झाड़ियों में गायब होते हुए देखा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि पिपावाव बंदरगाह को उत्तरी गुजरात से जोड़ने वाली इस रेलवे लाइन पर पिछले कुछ वर्षों में कई शेरों की मौत हो चुकी है। हालांकि यह बंदरगाह गिर वन्यजीव अभयारण्य की बाहरी परिधि से काफी दूरी पर स्थित है, लेकिन अधिकारियों के अनुसार, शेर नियमित अंतराल पर इस क्षेत्र में आते हैं।