केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट करते हुए ज्ञापन को भी शेयर किया है, जिसमें बताया गया है कि पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र पर शराब सहित अन्य नशीले पदार्थों बिक्री, तेज संगीत बजाना, लाउडस्पीकर का यूज करना, प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले काम करना, कैंपिंग, ट्रैकिंग और प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले काम करने की अनुमति नहीं होगी। इसमें इन नियमों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है।
पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख- आस्था से खिलवाड़
सम्मेद शिखर की पवित्रता के लिए सरकार ने उठाया ठोस कदमपर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने खुशी जताई। उन्होंने ट्विटर के माध्यम से कहा कि “जैनधर्म ने समाज कल्याण, मानवता व आध्यात्मिक चेतना के पुनर्जागरण में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। मैंने खुद इसे नजदीक से अनुभव किया है। मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने पावन तीर्थ ‘सम्मेद शिखर जी’ की पवित्रता को बनाए रखने की दिशा में ठोस कदम उठाया है।”
ऐसी मान्यता है कि इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति हुई है। पवित्र पर्वत के शिखर तक श्रद्धालुओं को पहुंचने के लिए नौ किलोमीटर की यात्रा करना पड़ता है।