भाजपा ने रविवार को तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में हुई जहरीली शराब त्रासदी को लेकर डीएमके सरकार पर निशाना साधा। इस त्रासदी में 56 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। मरने वालों में मुख्य रूप से दलित समुदाय के लोग शामिल थे। इस मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने इस त्रासदी पर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं की चुप्पी और राज्य सरकार की सहभागिता पर सवाल उठाया।
भाजपा ने 56 लोगों की मौत के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया और इसे राज्य प्रायोजित हत्या करार दिया। साथ ही पूछा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन इस मुद्दे पर सफाई क्यों नहीं दे रहे हैं? भाजपा प्रवक्ता ने सवाल किया, “इन लोगों की मौत पर वह कब बयान देंगे? कलेक्टर ने जहरीली शराब से हुई मौतों से इंकार क्यों किया? मामले को भटकाने की कोशिश क्यों की? क्या शीर्ष नेतृत्व की ओर से कोई आदेश दिया गया था?”
मरने वाले दलित, इसलिए चुप हैं राहुल संबित पात्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और इंडिया गठबंधन के अन्य सदस्यों की चुप्पी पर सवाल उठाया। पात्रा ने कहा, यह दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या है। इतने सारे दलितों ने अपनी जान गंवा दी है और फिर भी सभी चुप हैं। ऐसा सिर्फ इसलिए है क्योंकि यह मामला उनके राजनीतिक हितों से मेल नहीं खाता। उन्होंने पूछा, “मैं जाति के आधार पर मौतों में भेद नहीं करना चाहता। जो लोग कैंडल मार्च निकालते हैं, जो लोग दलितों के अधिकारों के लिए लड़ते हैं, वे लोग आज कहां हैं?”
पुलिस को थी अवैध शराब के कारोबार की जानकारी यह त्रासदी कल्लाकुरिची के दलित बहुल क्षेत्र करुणापुरम गांव में घटी। यहां अवैध शराब के सेवन से 56 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। कई अन्य गंभीर रूप से बीमार हैं। करीब 200 लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। भाजपा प्रवक्ता ने प्रशासन के अधिकारियों तथा अवैध शराब के कारोबार के पीछे शामिल लोगों के बीच कथित मिलीभगत के बारे में जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि यह कारोबार कस्बे में कई दशकों से चल रहा था। पुलिस व प्रशासन में सभी को इसकी जानकारी थी।
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