कर्नाटक निवासी नवीन शेखरप्पा मंगलवार को अपने दोस्तों के लिए खाना लेने बंकर से बाहर निकले थे। इस दौरान वे रूस की गोलीबारी का शिकार हो गए। उनकी मौत को कई घंटे बीत चुकेहैं, लेकिन हर किसी की नजरें नवीन के पार्थिव शरीर के भारत पहुंचने का इंतजार कर रही है। नवीन के घर सन्नाटा पसरा है। पिता का भी रो-रो कर बुरा हाल है।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शव को वापस लाने पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यूक्रेन के हालात को देखें तो वहां युद्ध के बीच एक भी एयरस्ट्रिप नहीं है।
ऐसे में यूक्रेन में किसी भी विमान लैंड नहीं करवाया जा सकता है। यही वजह है कि नवीन के शव को लाने में वक्त लग रहा है।
पीएम मोदी ने की थी बैठक
नवीन शेखरप्पा की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक हाई लेवल मीटिंग की थी। दरअसल रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान पीएम मोदी यूक्रेन संकट पर चार बैठकें कर चुके हैं। नवीन शेखरप्पा के निधन के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने उनके पिता से बात की और बेटे के शव को लाने के लिए हर संभव कोशिश का आश्वासन भी दिया था।
भारतीयों को लाने में जुटी सरकार भारत ने वायुसेना को भी ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीयों को निकालने के मिशन पर लगाया है। इसके अलावा चार केंद्रीय मंत्री भी यूक्रेस सटे अन्य देशों के जरिए भारतीयों को लाने में जुटे हैं। इनमें हरदीप पुरी, किरण रिजिजू, वीके अलग-अलग देशों से भारतीयों को लेकर रवाना भी हो चुके हैं।
बता दें कि यूक्रेन के खारकीव में अब भी कई भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। भारतीय छात्रों को बचाने की कोशिश जारी है। सरकार भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा चला रही है । 26 फरवरी से शुरू हुए इस अभियान के तहत अब तक हजारों की तादाद में भारतीयों की वतन वापसी करवाई जा चुकी है।
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